हाइलाइट्स

  • घोसी के स्टार नवरत्न यादव ने एक ऐसी अपील की… जिसे सुनकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव जरूर खुश हुए होंगे… राजभर तो सोच में पड़ गए होंगे
  • ओमप्रकाश राजभर के दिल में ये ख्याल तो जरूर आया होगा… नवरत्न को बेकार बच्चा कह दिया… इसको तो परिस्थितियों ने बड़ा बना दिया
  • नवरत्न की अपील कुछ ऐसी है… वैसी अपील करने की हिम्मत बड़े से बड़े नेता नहीं कर पाएंगे… लेकिन नवरत्न ने तो वैसा करके दिखा दिया


नवरत्न यादव ये एक ऐसा नाम है… जिसके बारे में अब तो घोसी में बच्चे बच्चे को मालूम है… बड़े बुजुर्ग और महिलाएं हर कोई इस नाम से वाकिफ है… घोसी के लोगों की जुबां पर नवरत्न का ही नाम है… घोसी में जिससे भी बात कीजिए… वो यही कहेंगे नवरत्न ने सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर की पोल खोलकर रख दी… पियरका चाचा तो अब कही के नहीं रहे… आये थे शान के साथ… कह रहे थे वो ही राजभर समाज के खैवनहार हैं… लेकिन नवरत्न यादव ने इस तरह से उनकी कलई खोली… राजभर की राजनीति के बारे में ऐसे ऐसे तर्क दिए… कि जिसने भी सुना उसने यही कहा नवरत्न बात तो सही कह रहा है… बीजेपी का पूरा संगठन, सीएम योगी समेत सारे मंत्रियों ने बहुत से सब्जबाग घोसी के लोगों को दिखाए… लेकिन नवरत्न गांव गांव जाकर लोगों से कहता रहा है… जो उन्होंने बताया… क्या वाकई में ऐसा है… महंगाई, बेरोजगारी पर 12 साल के नवरत्न ने अपनी समझ के मुताबिक जब सरकार के उन दावों की व्याख्या की… बड़के बड़के लोग भी कहने लगे धोखा हुआ है… अपने साथ तो छल हुआ है… वोट नहीं देंगे… मोदी-योगी के सहयोगियों जिनमें संजय निषाद हैं…. आशीष पटेल हैं… अनुप्रिया पटेल है… सबने अपनी राजनीति की पूरी ताकत लगा दी… लेकिन नवरत्न वहा भी टिका रहा… घोसी उपचुनाव को जातियों में बांटने की बीजेपी के चक्रव्यूह को ध्वस्त कर दिया…

बीजेपी उम्मीदवार दारा सिंह चौहान के खिलाफ अपना ऐसा पक्ष रखा… उनकी राजनीति पर उसने ऐसी भविष्यवाणी की… जब नतीजे आए तो उनके साथ वही हुआ जो नवरत्न उनके खिलाफ भविष्यवाणी की… वैसे तो सपा प्रत्याशी सुधाकर सिंह की जीत में सबकी भूमिका रही है… लेकिन ऐसा लगता है… बीजेपी उम्मीदवार दारा सिंह को हराने के बाद सपा के नए बने विधायक सुधाकर सिंह के लिए अखिलेश-शिवपाल जिंदाबाद है और उसके बाद नवरत्न यादव उनके लिए खास हो गया है… तभी तो घोसी में जीत के बाद जब सपा के सारे धुरंधर अपने अपने इलाके में लौट गए… बावजूद उसके सुधाकर सिंह ने नवरत्न यादव को रोककर रखा… उसको अपने साथ लेकर घोसी के लोगों को शुक्रिया कहने के लिए निकले… नवरत्न के साथ उनके यहां भी गए… जिनके अपने ने हमेशा के लिए साथ छोड़ दिया… इस दुनिया को अलविदा कहकर दुसरी दुनिया के लिए रवाना हो गए… यहां तक कि सुधाकर जब लखनऊ के लिए रवाना हुए तो अपने साथ नवरत्न यादव को ले गए…

घोसी उपचुनाव के पहले तक नवरत्न यादव मुलायम और अखिलेश यादव के जबरा फैन के नाम से जाना जाता रहा… घोसी उपचुनाव के बाद वो उसकी अब अलग ही राजनीतिक हैसियत हो चुकी है… 12 साल की उम्र में नवरत्न ने वो मुकाम हासिल कर लिया… जिसे पाने के लिए पसीना बहाना पड़ जाता है… एक तरह से नवरत्न यादव स्टार हो चुका है… अब स्टार है… तो उसकी पर्सनल लाइफ पर भी असर पड़ रहा है…इसी को देखते हुए नवरत्न यादव ने अपने प्रशंसकों से लेकर पत्रकारों से अपील कर दी… कह रहा है… अब बोलने के लिए मत कहो… गल लग गया… अब कुछ पल मुझे अपने लिए जीने दो… अपने लिए अपनी दुनिया बनाने का मौका दो… अब कुछ वक्त के लिए आपके सवालों का जवाब नहीं दे पाउंगा… जो प्रचार करना था… जो जीत के लिए मेहनत करनी थी… वो कर लिया… अब आपसे अपील है… कुछ पल अपने परिवार के साथ जीने की आजादी दीजिए… कुछ पढ़ने के लिए मौका दीजिए… अखिलेश भईया ने भी कहा… पहले पढ़ों लिखों फिर बड़े नेता बनना… अब ऐसा ही करुंगा… कैमरे के सामने अब उस तरह से नहीं आ पाउंगा जैसे घोसी में आया था… अब तो बस जीभरकर पढ़ना है… पढ़लिखकर बड़ा नेता बनना है….