श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के इतिहास पर फिल्म बनाने की योजना को अमली जामा पहनाने की तैयारी शुरू कर दी गयी है. बॉलीवुड के सुपरस्टार अमिताभ बच्चन से निवेदन किया गया है कि वह इस फिल्म की कहानी को अपनी आवाज दें. एक चार सदस्यीय समिति बनायी गयी है जो इस फिल्म की स्क्रिप्ट से लेकर फाइनल प्रोडक्शन तक काम पूरा करेगी. इस समिति में मशहूर लॆखक प्रसून जोशी, फिल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश दिवेदी, मशहूर निर्देशक यतीन्द्र मिश्रा, इंदिरा गांधी सेंटर ऑफ आर्ट के सचिव सच्चितानंद जोशी शामिल हैं. राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द मिश्रा ने शुक्रवार को इन सभी के साथ अयोध्या में मंदिर निर्माण के काम का जायजा लिया और संतोष जताया कि काम अपने निर्धारित लक्ष्य के मुताबिक ही आगे बढ रहा है.
मंदिर के गर्भ गृह और भूतल पर पांच मंडपों का निर्मण जारी है. मंदिर के शिखर की कुल उंचाई जमीन से 161 फीट है, जिसके लिए ग्रेनाइट के पत्थरों से बने 21 फीट ऊंचे प्लिंथ का निर्माण सितंबर में ही पूरा हो चुका है. इस मंदिर के निर्माण की सबसे खास बात यह है कि राम नवमी के दिन दोपहर 12 बजे सूरज की किरणें सीधी राम लला के माथे पर पड़ेंगी. इसे सफल बनाने के लिए सीएसआईआर-सीबीआरआई रुड़की,इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स, आईयूसीएए-पुणे और मंदिर के आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुरा ने एक डिजाइन को अंतिम रूप दिया है, जिसका प्रेजेंटेशन इस रिव्यू बैठक में दिया गया. मंदिर के सुपरस्ट्रक्चर का निर्माण राजस्थान के भरतपूर जिले के बंसी पहाड़पुर इलाके के सैंडस्टोन से चल रहा है. अब तक 50 फीसदी से ज्यादा पत्थरों पर नक्काशी की जा चुकी है और इसे किसी भी वक्त दिवारों पर लगाया जा सकता है.
मंदिर के गर्भ गृह का निर्माण मकराना से आए सफेद संगमरमर के पत्थरों से हो रहा है और रिव्यू बैठक में बताया गया कि अब तक ग्राउंड फ्लोर का 20 फीसदी काम पूरा हो चुका है. मंदिर के निचले प्लिंथ में बाल्मिकी रामायण की तमाम घटनाओं से जुड़ी कहानियों को 100 पैनलों में दर्शाया जाएगा. परकोटे का निर्माण भी भरतपुर के पत्थरों से किया जा रहा है, जिसकी बुनियाद रखी जानी शुरू हो चुकी है. परकोटे में ही भगवान शिव, अन्नपुर्णा माता, भगवती माता, भगवान गणेश, हनुमान और सूर्य के मंदिर बनाए जा रहे हैं. राम मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई सहायता केन्द्र स्थापित किए जा रहे हैं. इन सेंटरों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है. मंदिर के मास्टर प्लान में राम मंदिर परिसर की बची जगहों पर महर्षि वाल्मिकी, आचार्य वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, निषाद राज, जटायु, माता सबरी का मंदिर बनेगा.
इसके अलावा यज्ञ, अनुष्ठान मंडप, संत निवास और प्रशासनिक कार्यालय भी बन रहे हैं. साथ ही सुग्रीव किले और श्रीराम जन्मभूमि को जोड़ने का काम भी अपने तय लक्ष्य के मुताबिक चल रहा है. कुबेर के टीले पर पुनर्निर्माण का काम जारी है और साथ ही प्राचीन शिव मंदिर के सौंदर्यीकरण का काम भी शुरू हो चुका है. इसके निर्माण के बाद श्रद्धालुओं को कुबेर के टीले के शीर्ष पर जाकर भगवान शिव के दर्शन करने के लिए एक अलग रास्ता मिल जाएगा. इस पूरे परिसर का निर्माण कुछ इस तर्ज पर हो रहा है कि यहां से निकलने वाला जल और कचरा नगर निगम के लिए ज्यादा मुश्किलें पैदा नहीं करेगा. जीरों डिस्चार्ज की थीम पर यहां दो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जा रहे हैं और यहां के पानी को ट्रीट कर इसका इस्तेमाल सिंचाई और दूसरे कामों में किया जाएगा. इस बार की समीक्षा बैठक में सभी सुरक्षा गैजेटों और बिजली सप्लाई के लिए बनी योजना को अनुमति मिल गयी.