प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दी हैं. वैसे तो नेताओं का तीज-त्योहार पर बधाई संदेश देना आम है लेकिन शिवपाल ने अपने संदेश की जो चिट्ठी जारी की है उसके भरपूर सियायी मायने निकाले जा रहे हैं. इस बधाई संदेश को अखिलेश यादव के खिलाफ शिवपाल का बिगुल माना जा रहा है. सवाल ये भी है कि शिवपाल ने अपने संदेश में जिस ‘कंस’ की बात की है, वो उनकी नजर में आखिर है कौन? इस मामले में उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा, ” शिवपाल यादव का कंस बयान साफतौर पर इशारा करता है कि किस तरह से अखिलेश यादव ने अपने पिता मुलायम सिंह यादव को सत्ता से हटाकर समाजवादी पार्टी पर कब्जा किया था.

उन्होंने कहा कि जब सपा की सरकार उत्तर प्रदेश में थी, तब कंस के जैसा आत्याचार पूरे प्रदेश में था. जिसको योगी आदित्यनाथ ने अपने योग साधना इस राज को समाप्त करने का काम किया है. त्रिपाठी आगे कहते हैं कि आज उत्तर प्रदेश में कानून का राज स्थापित है. वहीं सपा के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कंस वाले बयान पर गोलमोल जवाब देते हुए कहा, “कौन क्या कहता है उससे समाजवादी पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ता.” उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी जनता की चिंता करती है. भदौरिया ने आगे कहा कि जनता ने हमारी पार्टी को विपक्ष में बैठाया है. हमारा फर्ज है कि उनकी समस्या का समाधान करना.विज्ञापन

विधानसभा चुनाव में सपा के साथ मोहभंग
उधर, वरिष्ठ पत्रकार रतन मणि लाल ने कंस के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि गत विधानसभा चुनाव में सपा से मोहभंग होने के बाद शिवपाल यादव अपनी पार्टी को पुनर्गठित और मजबूत कर रहे हैं. यादव समाज में खास प्रभाव रखने वाले हरमोहन सिंह यादव परिवार का भी अखिलेश यादव के कारण सपा से मोह भंग हो चुका है. लाल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रख कर यादव समाज को अपनी ओर लाने की पूरी कोशिश कर रही है.

उन्होंने कहा कि ऐसे में, शिवपाल अपने समर्थकों को उनके व अपने राजनीतिक महत्व के बारे में एक स्पष्ट संदेश देना चाहेंगे. उनका यह पत्र इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जा सकता है. हालांकि उन्होंने पत्र में किसी का नाम नहीं लिखा है पर सियासी गलियाराें में चर्चा है कि उनके निशाने पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव हैं. इस चिट्ठी में शिवपाल सिंह यादव ने लिखा कि जब समाज में कोई ‘कंस’ अपने पिता को छल-बल से अपमानित कर पद से हटाकर अनिधिकृत अधिपत्‍य स्‍थापित करता है तो धर्म की रक्षा में मां यशोदा के लाल ग्‍वालों के सखा योगेश्‍वर श्रीकृष्‍ण अवश्‍य अवतार लेते हैं और अपने योग माया से अत्‍याचारियों को दंड देकर धर्म की स्‍थापना करते हैं.

चाचा-भतीजे में वार-पलटवार जारी
गौरतलब है कि सपा की पूर्ववर्ती सरकार के समय से ही पूर्व सीएम और भतीजे अखिलेश यादव के साथ शिवपाल की अनबन चल रही है. यहां तक की चाचा शिवपाल ने सपा से अलग होकर अपनी अलग पार्टी बना ली. चाचा-भतीजे में गाहे-बगाहे वार-पलटवार चलता रहता है