कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने योगी सरकार को उस शर्त को चुनौती के तौर पर लेकर अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी को मेल के जरिए 1000 बसों की लिस्ट भेजी है । इस मेल में कांग्रेस ने बसों के ड्राइवरों और परिचालकों के नाम भी भेजे। इसके साथ ही कहा मंगलवार से शुरू करवाएं बसों का संचालन । यही नहीं जिन जिन रुट ये बसे चलेंगी उसके बारे में जानकारी और समयसारिणी लोगों को दी जाए ।

आपको बता दें कि इससे पहले प्रवासी मजदूरों के लिए एक हजार बस चलाने की कांग्रेस की पेशकश को योगी सरकार ने स्वीकार कर लिया था । लेकिन कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की ओर से प्रवासी मजदूरों के लिए बसों का इंतजाम करने की पेशकश स्वीकार करने के बाद योगी सरकार ने उनसे बसों की लिस्ट मांगी है।

इस संबंध में सरकार के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने प्रियंका गांधी को चिट्ठी लिखते हुए सरकार की सहमति की जानकारी दी है। सोमवार को यूपी सरकार के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने प्रियंका को चिट्ठी लिखकर बताया है कि सरकार ने प्रवासी मजदूरों के संबंध में उनके प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।

चिट्ठी में आगे लिखा गया है कि प्रियंका अविलंब 1000 बसों की सूची और उनके चालक/परिचालक की डिटेल्स को सरकार को उपलब्ध कराएं, जिससे कि इनका उपयोग प्रवासी मजदूरों के लिए हो सके।

इस चिट्ठी से कुछ वक्त पहले ही प्रियंका गांधी ने सीएम योगी पर यह आरोप लगाया था कि वह बसों की व्यवस्था करने की उनकी पेशकश को स्वीकार नहीं कर रहे हैं।इससे पहले 16 मई को प्रियंका गांधी ने कांग्रेस पार्टी की ओर से योगी सरकार को चिट्ठी लिखकर कहा था कि पलायन कर रहे मजदूरों के लिए सरकार की ओर से घर पहुंचाने की कोई खास व्यवस्था नहीं हो सकी है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी गाजीपुर बॉर्डर गाजियाबाद और नोएडा बॉर्डर से 500-500 बसों को चलाना चाहती है। इन बसों का पूरा खर्च कांग्रेस पार्टी वहन करेगी। ऐसे में कांग्रेस बसों के परिचालन के लिए सरकार की अनुमति चाहती है।

इस चिट्ठी के बाद से ही कांग्रेस पार्टी योगी सरकार पर यह आरोप लगा रही थी कि प्रवासी मजदूरों की तमाम परेशानियों के बावजूद यूपी की राज्य सरकार बसों के परिचालन की अनुमति नहीं दे रही है। वहीं सोमवार को ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रियंका से सवाल करते हुए कहा था कि जब आपके पास 1000 बसें थीं, तो राजस्थान और महाराष्ट्र से ट्रकों में भरकर हमारे साथियों को उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड व बंगाल क्यों भेज रहे हैं?