प्रतापगढ़ ::उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव संपन्न हो गया है…नतीजे भी सामने आ गए हैं..जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में बीजेपी ने रिकॉर्ड जीत हासिल की है…भले ही बीजेपी ने 75 में से 67 सीटों पर जीत का परचम लहराया हो लेकिन प्रतापगढ़ में बीजेपी की एक न चली….प्रतापगढ़ में बीजेपी न सिर्फ बुरी तरह से पराजित हुई बल्कि जनसत्ता दल के आंधी में उड़ गई…जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में 40 वोटों से माधुरी पटेल ने जीत दर्ज कर परचम लहराया…वहीं, सपा प्रत्याशी अमरावती को मात्र 6 वोट मिले… जबकि बीजेपी प्रत्याशी क्षमा सिंह को महज तीन वोट मिले.जिला पंचायत के चुनाव में कुंडा के बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप उर्फ राजा भैया के समर्थित उम्मीदवार का दबदबा पिछले 25 साल से लगातार जारी है… 1995 में पहली बार चुनावी समर उतरी राजा भैया समर्थित अमरावती ने जीत का परचम लहराया था….जिसके बाद राजा भैया के समर्थकों ने ऐसी पैठ बनायी कि 25 साल बाद भी उनके समर्थकों का जलवा लगातार बरकरार है….सरकार चाहे जिसकी हो, लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष की सत्ता पर राजा भैया समर्थित ही विराजमान होता है… वहीं 2000 में विन्देश्वरी पटेल, जबकि 2005 में कमला देवी ने जीत दर्ज की. 2011 में बसपा के प्रमोद मौर्य ने राजा भैया समर्थकों के जीत के रथ को रोकते हुए जीत का परचम लहराया था, लेकिन साल 2016 में एक बार फिर राजा भैया समर्थित उम्मीदवार ने जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर अपना कब्जा जमा लिया… इस बार माधुरी पटेल ने जीत दर्ज करते हुए राजा भैया के दबदबे को कायम रखा.माधुरी पटेल की जीत के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन समेत पुलिस पर जनसत्ता दल के प्रत्याशी की मदद का आरोप लगाया… अपनी हार से बौखलाए बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जमकर बवाल किया…राजा भैय्या ने बीजेपी कार्यकर्ताओं की इस हरकत को शर्मनाक बताया…राजाभैया ने कहा कि माधुरी पटेल की जीत के बाद बीजेपी कार्यकर्ता जिला प्रशासन पर दबाव बनाकर जीत हासिल करना चाहते थे…उन्होंने इस दौरान पीएम मोदी और सीएम योगी की तारीफ में कहा कि दोनों नेताओं ने बीजेपी को शीर्षपटल पर पहुंचाया, लेकिन पार्टी के नेता पार्टी को गर्त में धकेल रहे हैंजिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव परिणाम को यूपी विधानसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है… प्रतापगढ़ में बीजेपी के नेताओं को बड़े उलटफेर की उम्मीद थी, लेकिन राजा भैया की नीति के चलते बीजेपी न सिर्फ अध्यक्ष पद का चुनाव बुरी तरह से हारी, बल्कि पहली बार जिला पंचायत फतह करने का सपना सिर्फ सपना ही रह गया…प्रतापगढ़ में राजा भैया का जलवा कायम है.. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि तमाम राजनीतिक दलों को राजा भैया से सीख लेनी चाहिए…