यूपी जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में बीजेपी को प्रचंड जीत मिली… जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव में बीजेपी से अधिक सीटें जीतने वाली सपा को करारी हार का सामना करना पड़ा…समाजवादी पार्टी की इस हार के पीछे स्थानीय नेताओं का खराब मैनेजमेंट रहा तो कई जिलों में पार्टी के पंचायत सदस्य भी बीजेपी के साथ मिल गए…. जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव में सपा को काफी सीटें मिली थीं लेकिन अध्यक्ष के चुनाव में इसका उलट हुआ…चुनाव में बीजेपी ने समाजवादी पार्टी के पुराने रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 67 जिलों में जीत हासिल की..जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर मिली करारी हार को सपाई भितरघाट का भी नतीजा मान रहे हैं… अखिलेश यादव ने जौनपुर में मिली करारी हार को लेकर फोन पर जिलाध्यक्ष से जानकारी ली है….साथ ही पूरी स्थिति की समीक्षा कर विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है….अब अखिलेश के इस कदम के बाद ये भी माना जा रहा है कि अध्यक्षजी के दरबार में कुछ दिग्गजों की क्लास भी लग सकती है और उन पर कार्रवाई भी हो सकती है…इस हार को लेकर समाजवादी पार्टी ने एक पत्र भी जारी किया है और 7 जुलाई तक जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में हार की रिपोर्ट पेश करने को कहा है… इससे पहले अखिलेश यादव ने 11 जिला अध्यक्षों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है…समाजवादी पार्टी जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर लगातार तीसरी बार कब्जा जमाने की कोशिश में थी…..हालांकि चुनाव से पहले ही कुछ दिग्गज नेताओं की निष्ठा पर संदेह जताया जा रहा था….और ये पूरा मामला पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के दरबार तक में पहुंचा था….इतना ही नहीं, पार्टी के मुखिया के सामने 42 जिला पंचायत सदस्यों को पेश कर सब कुछ ठीक-ठाक होने का दावा किया गया था…और ये माना जाने लगा था कि सब कुछ ठीक-ठाक हो गया है….सपाई भी अपनी जीत को लेकर इस वजह से दावा कर रहे थे कि उनके पार्टी का झंडा-बैनर लगाने वाले ज्यादा जिला पंचायत सदस्य चुनाव में जीते हैं….लेकिन, ऐसा नहीं हुआ….वोटिंग के दिन भी पार्टी के कैंप कार्यालय में 39 जिला पंचायत सदस्यों को अपने साथ रखा गया था, जबकि इसके अलावा सेंधमारी कर जीत के लिए 43 मत हासिल करने का सपना संजोए थे….बाद में परिणाम घोषित होने पर 12 ही मत मिले…इससे साफ हो गया कि सपा के कैंप कार्यालय से निकले जिला पंचायत सदस्यों ने वादा करके क्रास वोटिंग कर दिया….जिसके बाद से इन वोटरों को अपने साथ लेकर चलने वाले दिग्गज नेताओं पर संदेह होने लगा है…. हलांकि अखिलेश ने हार की वजह ये कहते हुए बीजेपी पर मढ़ दिया कि…बीजेपी ने अपनी हार को जीत में बदलने के पुलिस और प्रशासन के सहारे बल प्रयोग किया और जबरदस्ती हेल्पर देकर अपने पक्ष में मतदान करा लिया…अब खराब मैनेजमेंट कहें या फिर साइकिल की सवारी करने वाले अपनों ने ही सपा की चुनावी साइकिल पंचर दी..लेकिन इस सेमिफाइनल में हुए खराब प्रदर्शन पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव काफी गुस्सा हैं… अब देखना होगा इस जिला पंचायत में मिली हार से अखिलेश यादव क्या कुछ सबक लेते हैं और 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर क्या रणनीति बनाते हैं।