Swami Parsad Maurya की राजनीति से बेटी Sanghmitra Maurya का किनारा
Swami Parsad Maurya की राजनीति से बेटी Sanghmitra Maurya का किनारा

यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी की कही बातों का असर है… या फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का असर… सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य पर उनकी बेटी और बदायूं सांसद संघमित्रा के सुर पुरी तरह से बदल चुके हैं… कलतक जिस पिता की कही बातों को बचाव करती दिख जाती है… आज उसी पिता के बयान से नाता पूरी तरह से तोड़ लिया… ऐसा लग रहा है… संघमित्रा जानती है… पीएम मोदी के सामने अखिलेश की राजनीति कही भी टिकने वाली है… ऐसा लगता है… जिस पिछड़े समाज की बात कहकर अखिलेश उसके सर्वेसर्वा यूपी में बनने की जुगत में हैं… उसी पिछड़े समाज के समाज के सबसे चेहरे के तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आप को स्थापित कर लिया… इसलिए पिता के दिए बयान से अलग अपना ही रास्ता बना लिया… या फिर लगता है… संघमित्रा मौर्य पर यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी की चेतावनी का जादू चल गया….
कभी श्रीरामचरितमानस के कुछ हिस्सों पर पाबंदी लगाने की मांग करके विवादों में घिरे समाजवादी पार्टी विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य का संघमित्रा मौर्य ने पिछले दिनों बचाव किया था… लेकिन इसबार संघमित्रा मौर्य ने अपना स्टैंड क्लीयर किया है…. संघमित्रा ने पिता स्वामी की कही बात के उलट एक नई बात कह दी… पिता की राजनीति से अपनी राजनीति का मुंह को इस मोड़ा कि कहने वाले कह रहे हैं… संघमित्रा मौर्य पर यूपी बीजेपी अध्यक्ष की कही बात का असर हुआ है… जो चेतावनी भूपेंद्र चौधरी ने संघमित्रा मौर्या को दी थी… उसके बाद शायद संघमित्रा मौर्य को शायद लगने लगा… अब अगर अपने पिता स्वामी प्रसाद मौर्य का खुलकर सपोर्ट किया… तो उनकी राजनीति से बड़ा खेल हो जाएगा… संघमित्रा मौर्य ने स्वामी प्रसाद की राजनीति से कैसे किनारा किया और ये कहने का मकसद क्या होगा… उस पर आएंगे… लेकिन उससे पहले जानिए यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने संघमित्रा मौर्य को ऐसी क्या चेतावनी दी थी… जो उनतक पहुंची तो सुर बदल गए….

दरअसल बदायूं से बीजेपी की सांसद संघमित्रा कहा था कि उनके पिता ने श्रीरामचरितमानस की जिस चौपाई का जिक्र करते हुए उसे आपत्तिजनक बताया था, उस पर विद्वानों के साथ चर्चा की जानी चाहिए….पिता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को पढ़ा है… उन्होंने अगर एक चौपाई का उदाहरण दिया है तो शायद इसलिए क्योंकि वह लाइन स्वयं भगवान राम के चरित्र के विपरीत है… जहां भगवान राम ने जाति को महत्व दिए बगैर शबरी के जूठे बेर खाए, वहीं उस चौपाई में जाति का वर्णन किया गया है….जिसके बाद संघमित्रा मौर्य को यूपी बीजेपी के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा था… संघमित्रा मौर्य को बीजेपी सांसद होने के नाते अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए… यूपी बीजेपी अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने चेतावनी भरे अंदाज में कहा था कि…संघमित्रा मौर्य को तय करना है कि वह अपने पिता स्वामी मौर्य के साथ रहेंगी या बीजेपी की विचारधारा के साथ जुड़ी रहेंगी…. चेतावनी संघमित्रा मौर्य तक पहुंची तो अब अंदाज बदल गए हैं….

बदायूं से बीजेपी सांसद और सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य ने अब बड़ा बयान देते हुए रामचरितमानस पर अपने पिता स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी से उपजे विवाद से किनारा कर लिया है… संघमित्रा मौर्य अब कह रही है… वो आगामी लोकसभा चुनाव पर ध्यान दे रही हैं और वो बीजेपी के टिकट पर ही आगामी आम चुनाव लड़ेंगी…संघमित्रा मौर्य अब कह रही है….

इस विवाद को खत्म करिए, मेरा इससे कोई लेना देना नहीं है. मैं आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर बदायूं से दोबारा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हूं

बता दें कि साल 2019 में हुए लोकसभा चुनावों में संघमित्रा मौर्य गौतम भाजपा के टिकट पर बदायूं से लोकसभा सांसद चुनी गईं थी… अब उन्होंने कहा है कि वह आने वाले लोकसभा चुनावों की तैयारियों में जुटी हैं… आपको ये भी बता दें कि संघमित्रा मौर्य ने 2019 के लोकसभा चुनावों में बदायूं सीट से ही सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को हराया था… श्रीरामचरितमानस को लेकर अपने पिता स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादास्पद बयान पर बीजेपी सांसद ने कहा कि सारी चीजें स्पष्ट हो चुकी हैं. इस पर इतना बवाल क्यों हो रहा है? खत्म करिए अब इस मामले को…. उन्होंने आगे कहा कि अगर आप किसी और विषय पर आप बात करना चाहते हों तो करिए…. मैं इस विषय पर अब बात नहीं करना चाहती हूं… मेरा इस विवाद से कोई लेना देना नहीं हैं…संघमित्रा दावा कर रही है…लोकसभा चुनाव 2024 तो वो बदायूं से ही बीजेपी की टिकट पर लड़ेंगी….तो क्या माना जाए… संघमित्रा अब समझ चुकी है… उनकी राजनीति अलग है… और उनकी पिता स्वामी प्रसाद मौर्य की राजनीति अलग है… क्या संघमित्रा मौर्य को सपा के आलाकमान से जवाब मिल गया है… बदायूं लोकसभा सीट से 2024 के लिए उनके पास पहले से ही कई दावेदार हैं… जिनमें धर्मेंद्र यादव भी हैं…. इसलिए जब टिकट देने की बात आएगी… तो सपा की प्राथमिकता धर्मेंद्र यादव ही होंगे… क्या संघमित्रा को ये बात समझ आ गई… सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके पिता स्वामी प्रसाद मौर्य अपनी राजनीति को कितना भी आक्रामक बना लें… बीजेपी का चेहरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने टिक नहीं पाएंगे… इसलिए अब बहुत हो गया… पिता की राजनीति से किनारा करना ही होगी…