मेरठ पुलिस और उसके कप्तान अजय साहनी ने एक ऐसी सनसनीखेज वारदात की गुत्थी सुलझा ली है, जो 13 जून 2019 को उसके सामने आयी । ये मेरठ पुलिस के लिए वाकई में एक चुनौती थी । क्योंकि इस केस में ये तो उन्हें जिसका शव मिला है उसकी हत्या हुई है । लेकिन बड़ा सवाल यही था कि हत्यारा कौन है ? आइए इस सनसनीखेज वारदात को तफ्शील से जानते हैं ।
दरअसल 13 जून 2019 को मेरठ के पास लोइया गांव में शबी अहमद नाम के शख्स के खेत से एक कुत्ता किसी मानव अंग को लेकर भाग रहा था। कुत्ते को मानव अंग लेकर भागते हुए एक शख्स ने देख लिया।जिसके बाद उसने पुलिस को इसकी सूचना दी । पुलिस ने आकर शबी अहमद के खेत की खुदाई की तो एक लाश मिली। लाश किसी महिला की थी जिसका सिर और दोनों हाथ गायब थे।
पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करवाया और हत्यारे की तलाश शुरू कर दी । जिसने महिला की हत्या की थी उसे पकड़ना अब पुलिस के लिए चुनौती थी क्योंकि क्योंकि शव का सिर गायब था। इसलिए उस लाश की शिनाख्त भी नहीं हो सकती थी। गांव के आसपास ऐसी कोई महिला गायब भी नहीं थी ।
तब वहां के SSP अजय साहनी ने इस शातिर अदृश्य हत्यारे को बेनकाब करने के एक नायाब तरीका निकाला। उन्होंने सोचा, जिस लड़की का शव मिला है वो हो न होकहीं बाहर से गांव में लायी गयी हो। गांव में कोई कुछ बताने को तैयार न था। तब SSP अजय साहनी ने तय किया कि गांव के जितने लड़के बाहर नौकरी करते हैं वहां जाकर छानबीन की जाए। वहां के थानों से संपर्क करके पता किया जाए कि क्या वहां किसी लड़की के गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज है।
ये योजना काम कर गयी और पंजाब में लुधियाना से एक 23 साल की लड़की के गायब होने की सूचना मिली। लुधियाना के मोतीनगर थाने में इस युवती के गायब होने की रिपोर्ट दर्ज थी जो कि बीकॉम द्वितीय वर्ष की छात्र थी। इसके बाद पुलिस ने अलग कड़ियों को जोड़ते हुए पड़ताल की । उससे जो कहानी निकलकर सामने आयी वो इस प्रकार है।
जिस लड़की का शव मिला । अब उसकी शिनाख्त हुई तो नाम पता । उस लड़ती एकता देसवाल था । संभ्रांत और आधुनिक परिवार की लड़की थी और बीकॉम द्वितीय वर्ष की छात्रा थी। एकता खुले विचार की लड़की थी और वहीं उससे टकराया शाकिब अहमद। शाकिब वहां नौकरी करता था लेकिन उसने अपना काम और पहचान दोनों एकता से छिपाई। उसने अपना नाम उसे “अमन” बताया। उसे अपने प्रेम जाल में ऐसा फंसाया कि एकता उसके लिए कुछ भी करने को तैयार हो गयी। अमन ने उससे कहा कि वह घर से गहने लेकर आ जाए और वो लोग वहां से कहीं दूर जाकर नयी जिन्दगी शुरु करेंगे।
वह अमन के झांसे में आ गयी और करीब 25 लाख कीमत के गहने और नकद लेकर वह घर से फरार हो गयी। अमन उसे लेकर सीधा मेरठ के दौराला पहुंचा जो कि एक कस्बा है। वहां किराये पर एक कमरा लेकर दोनों करीब एक महीने रहे। इसके बाद ईद के मौके पर अमन उसे लेकर अपने घर आ गया जहां उसकी असलियत सामने आयी कि वो अमन नहीं बल्कि शाकिब है। अमन का भांडा फूटते ही एकता को बड़ा झटका लगा। ईद के दिन दोनों ने दिनभर लड़ाई की ।
शाकिब समझ गया कि अब इसे रास्ते से हटाने का समय आ गया है। बिना उसे रास्ते से हटाये 25 लाख के गहने उसके नहीं होंगे। इसलिए शाकिब ने ईद की उसी रात उसके हत्या की योजना बनायी। ईद की रात उसने एकता को कोल्डड्रिंक में नशीली दवा पिलाकर बेहोश कर दिया। इसके बाद उसी बेहोशी की हालत में वह कुछ दोस्तों के साथ मिलकर खेत पर ले गया । शाकिब ने दोस्तों के साथ मिलकर युवती के साथ पहले सामूहिक दुष्कर्म किया और फिर हत्या कर दी
गला काटने के बाद उसके दोनों हाथ भी काट दिये गये क्योंकि एकता ने अपने एक हाथ पर अपना नाम और दूसरे पर प्यारे “अमन” का नाम गुदवा रखा था। शाकिब को शक था कि अगर पुलिस को ये सबूत मिल गया तो भांडा फूट सकता है। लेकिन अमन गलत साबित हुआ। सालभर लगे लेकिन उसका भांडा फूटा। आज उस सिर कटी लाश के रहस्य से पर्दा उठ चुका है और शाकिब अपने दोस्तों सहित पुलिस की गिरफ्त में है।