नई दिल्ली। आरबीआई की मौद्रिक समिति की बैठक के बाद शुक्रवार को रिजर्व बैंक गर्वनर शशिकांत दास ने नई नीति की घोषणा की। इस घोषणा के बाद होम लोन लेने वालों की जेब को लाभ होगा।
रियल एस्टेट सेक्टर में कुछ समय से जारी तेजी को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इस तिमाही में भी बरकरार रखने की उम्मीद दी है। आरबीआई ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति की समीक्षा के बाद इस वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में रेपो रेट नहीं बढ़ाने का ऐलान किया है। आरबीआई ने इस तिमाही भी रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर स्थिर रखने का ऐलान किया है। आरबीआई के इस कदम से होम बायर्स से लेकर रियल एस्टेट सेक्टर को राहत मिली है। होम बायर्स को होम लोन पर ईएमआई नहीं बढ़ने से इस साल राहत महसूस हो गई। रियल एस्टेट सेक्टर ने आरबीआई के इस कदम को बेहतर बताते हुए अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं।
रियल एस्टेट सेक्टर में खुशी
क्रेडाई एनसीआर के अध्यक्ष और गौड़ ग्रुप के सीएमडी मनोज गौड़ ने बताया कि बीते दो साल से रेजीडेंशियल रियल एस्टेट बेहद सकारात्मक रहा है। आरबीआई के फैसले से इसे और बढ़ावा मिलेगा। बाजार मौजूदा 6.5% रेपो दर को स्वीकार कर रहा है। बीते कुछ समय में प्रमुख डेवलपर्स द्वारा किए गए नए लॉन्च को उत्साहजनक प्रतिक्रियाएं मिली हैं। इन्वेंट्री अब तक के सबसे निचले स्तर पर है, और प्रीमियम और लक्जरी परियोजनाओं की मांग अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच गई है। 2023 रियल एस्टेट सेक्टर के लिए शानदार साल रहा है। आरबीआई द्वारा लगातार सातवीं बार रेपो रेट को अपरिवर्तित रखने से स्थिरता का संकेत मिलता है, जिससे सेक्टर को फायदा होगा।
अश्विंदर आर सिंह, सह-अध्यक्ष सीआईआई एनआर रियल एस्टेट और सीईओ,आवासीय-भारतीय अर्बन
रेपो रेट को 6.5% पर बनाए रखने का आरबीआई का फैसला भारतीय आवासीय और होम लोन लेने वालों के लिए अच्छा संकेत है। ब्याज दरें स्थिर होने से घर खरीदारों को लोन लेने में सहूलियत होगी। रेपो रेट पर यथास्थिति बनाए रखने से बाजार की स्थिरता में विश्वास को बढ़ावा मिलेगा। घर खरीदार अचल संपत्ति बाजार के भीतर सामर्थ्य और पहुंच पर सकारात्मक प्रभाव की उम्मीद करते हुए, अनुकूल होम लोन का लाभ उठा सकते हैं।
ग्रुप 108 के मैनेजिंग डायरेक्टर संचित भूटानी का कहना है कि बीते सात बार से रेपो रेट का न बढ़ना रियल एस्टेट और अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत है। इस बार भी रेपो दर नहीं बढ़ी है जिसे आरबीआई का बदलता और सकारात्मक दृष्टिकोण माना जा रहा है। उच्च ईएमआई और ब्याज दरों से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद, यह निर्णय घर खरीदारों और निवेशकों के विश्वास को मजबूत करेगा। इससे रियल एस्टेट क्षेत्र के विकास को गति मिलेगी। एनसीआर में रियल एस्टेट की गुणवत्तापूर्ण परियोजनाओं में निवेश को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। ब्याज दरें न बढ़ने से मध्यम आय समूहों का रियल एस्टेट निवेश में विश्वास भी बढ़ेगा।
कुशाग्र अंसल, डायरेक्टर, अंसल हाउसिंग
-रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर ने रेपो रेट की घोषणा की है, इस बार भी किसी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया गया है। रेपो दर को स्थिर रखने का आरबीआई का निर्णय सराहनीय है क्योंकि यह ब्याज दरों में निश्चितता प्रदान करके इन्वेस्टर्स का विश्वास बढ़ाता है। फिर भी उद्योग की वृद्धि के बावजूद, लगातार बढ़ोतरी की एक श्रृंखला के बाद दरों में कमी अधिक फायदेमंद होती है। दरों को अपरिवर्तित रखने से संभावित बायर्स को ऋण ब्याज दरों में और वृद्धि का सामना करने की आशंका के बिना रियल एस्टेट में इन्वेस्ट करने की अनुमति मिलती है।
काउंटी ग्रुप के डायरेक्टर अमित मोदी का कहना है कि रेपो रेट में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया जाना आरबीआई का एक सराहनीय कदम है क्योंकि इससे पहले से ही बढ़ते रियल एस्टेट उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। फेस्टिव सीजन अभी गया है और इससे पहले से ही खरीदार रियल एस्टेट निवेश में गहरी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। स्थिर ब्याज दरें लेनदेन में उनकी भागीदारी को और प्रोत्साहित करेंगी। इससे रियल एस्टेट के रेजिडेंसियल और कॉमर्शियल दोनों क्षेत्रों में काफी निवेश को बढ़ावा मिलेगा
मिग्सन ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर यश मिग्लानी ने बताया कि रेपो रेट न बढ़ने से रियल एस्टेट बाजार को प्रोत्साहन मिलेगा। पिछले कुछ महीनों से रेपो रेट 6.50% पर स्थिर हैं, जो खरीदारों और निवेशकों के लिए आरबीआई का सकारात्मक संकेत है। इससे न सिर्फ रियल एस्टेट में नई उर्जा का संचार हुआ है बल्कि आवासीय और कमर्शियल रियल एस्टेट की मांग में भी तेजी आएगी। आने वाला समय रियल एस्टेट बाजार में निवेश के लिए बेहद पॉजिटिव है।