यूक्रेन-रूस के बीच युद्ध होने से यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे 45 बच्चों के अभिभावकों की बेचैनी बढ़ गई है। अभिभावकों ने इस मामले में प्रधानमंत्री से मदद मांगी है। इस सिलसिले में वह शुक्रवार को दिल्ली जाएंगे।

बृहस्पतिवार की तड़के रूस ने यूक्रेन पर बमबारी शुरू कर दी। इससे यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे बच्चों के अभिभावक परेशान हो गए। इस संबंध में धीरज पैलेस में इंडो-यूक्रेन मेडिकल स्टूडेंट्स गार्जियन एसोसिएशन की बैठक हुई, जहां टीवी चैनल पर प्रसारित खबरों को देखकर अभिभावकों के माथे पर सिकन थी। वह पल-पल की जानकारी लेते रहे। अलीगढ़ के कुछ बच्चों के बीच में ही फंस जाने से अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है। इमरजेंसी लागू कर सभी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। अधिकांश बच्चों की फ्लाइट की टिकटें बुक हो गई थीं, लेकिन अब सब स्थगित हो गया है।

मोबाइल की बैटरी खत्म होने की वजह से बच्चों का कुछ समय के लिए अभिभावकों से संपर्क टूट गया था, वह सुरक्षित स्थान तलाशते रहे। उन के पास जो खाद्य सामग्री थी, वह भी खत्म हो रही है। बैठक में बच्चों के भारत सुरक्षित वापस आने की ईश्वर से प्रार्थना की गई। प्रधानमंत्री मोदी से यूक्रेन में फंसे अलीगढ़ व उत्तर प्रदेश के बच्चों को सुरक्षित रूप से भारत में एयरलिफ्ट करवाने की अपील की है। इस अवसर पर ममता वार्ष्णेय, पुनीत अरोरा, डॉ. विश्वमित्र आर्य, सुधा सिंह, प्रदीप वार्ष्णेय, रतन वार्ष्णेय आदि मौजूद रहे।

यूक्रेन में फंसे हैं जिले के 45 विद्यार्थी
एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले 45 विद्यार्थी यूक्रेन में फंसे हैं। उन्हें बुलाने के लिए उनके परिजनों ने डीएम व कमिश्नर के साथ भारत सरकार से गुहार लगा चुके हैं। इंडो-यूक्रेन गार्जियन एसोसिएशन के संयोजक पंकज धीरज के अनुसार, जिले के 45 विद्यार्थी हैं, जो यूक्रेन के अलग-अलग मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें माधवी अरोरा, नेअम रशीद, रितिक शिरोमणि, फाल्गुनी धीरज, रितिक वार्ष्णेय, सार्थक उपाध्याय आदि शामिल है।