स्वास्थ्य सुविधाओं की रैंकिंग में गोरखपुर को सूबे में पहला स्थान मिला है। यह उपलब्धि गर्भवती की प्रसव पूर्व चार जांचों, एचआईवी, गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल में 100 स्कोर हासिल करने के कारण मिली है। जिले को 0.7 का कंपोजिट स्कोर भी मिला है। यह जानकारी सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार दुबे ने दी। बताया कि दिसंबर में गोरखपुर की तीसरी रैंकिंग थी।

सीएमओ ने बताया कि जिले के कैंपियरगंज, खजनी और सरदार नगर ब्लॉक का इस उपलब्धि में अहम योगदान है और यह तीनों ब्लॉक टॉप परफार्मिंग ब्लॉक हैं। डीएम विजय किरन आनंद ने प्रत्येक कार्यक्रम की समीक्षा की। यह रैंकिंग 20 दिसंबर से 21 जनवरी तक के डेटा पर आधारित है।

बताया कि एसीएमओ डॉ. नंद कुमार और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज आनंद के सहयोगात्मक पर्यवेक्षण में टीम ने सितंबर 2021 में बेहतर प्रदर्शन किया था और जिले को पहला स्थान मिला था। इससे पहले फरवरी 2021 में भी अच्छे संकेतकों के कारण गोरखपुर को पहला स्थान प्राप्त हुआ था।

सभी संकेतकों में सुधार के लिए आशा कार्यकर्ताओं और एएनएम की अहम भूमिका है। आशा कार्यकर्ता लाभार्थियों को प्रेरित कर चिकित्सा इकाइयों तक लाती हैं। गोरखपुर की यह रैकिंग अंग्रिम पंक्ति कार्यकर्ताओं का सम्मान है। उन्होंने सभी स्वास्थ्यकर्मियों से कहा कि मातृ स्वास्थ्य, बाल स्वास्थ्य, नवजात स्वास्थ्य और पोषण संबंधित गतिविधियों की गुणवत्ता बरकरार रखी जाए।

इन संकेतकों पर होती है रैंकिंग

सीएमओ ने बताया कि गर्भवती पंजीकरण, गृह आधारित नवजात देखभाल, गर्भवती जांच, टीबी नोटिफिकेशन समेत 15 संकेतकों पर अच्छा कार्य करने के लिए यह रैकिंग की जाती है। रैकिंग में स्टिल बर्थ रेशियो, पेंटावैलेट व बीसीजी रेशियो, हिमोग्लोबिन जांच, आशा भुगतान, परिवार नियोजन जैसे घटक भी शामिल हैं।