लद्दाख के द्रास सेक्टर में ड्यूटी के दौरान बर्फ की ढांग के नीचे दबकर शहीद हुए खपराना के सैनिक अनुज कुमार के परिवार को सांत्वना देने अभी तक भी कोई नेता नहीं पहुंचा है। शहीद के इस अपमान पर परिजनों और ग्रामीणों ने गांव में पंचायत का आयोजन कर विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दी। यह भी कहा कि कोई भी नेता गांव में वोट मांगने ना आ जाएं।
खपराना गांव निवासी सैनिक अनुज कुमार पुंडीर पुत्र अशोक पुंडीर लद्दाख के द्रास सेक्टर में ड्यूटी के दौरान बर्फ की ढांग के नीचे दबकर शहीद हो गए थे। 23 जनवरी को सैनिक सम्मान के साथ शहीद अनुज का अंतिम संस्कार किया गया था। उनकी पत्नी प्रियंका चौहान, भाई मनीष आदि परिजनों और ग्रामीणों का आरोप है कि उनके घर पर अब तक सांसद, विधायक या किसी भी दल का नेता शोक संवेदनाएं प्रकट करने नहीं पहुंचा। उन्होंने इसे शहीद का अपमान बताया। इससे नाराज परिजनों और ग्रामीणों ने बुधवार को गांव में पंचायत का आयोजन कर सर्व सम्मति से विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दी।
ग्रामीणों ने कहा कि किसी भी दल का प्रत्याशी उनके गांव में वोट मांगने ना आएं। पंचायत की अध्यक्षता ठाकुर सूरजपाल, संचालन रामभूल ने किया। वहीं पंचायत में पूर्व प्रधान राजेंद्र सिंह, प्रधान मंथन सिंह, प्रमोद ठाकुर, रणवीर सिंह, मनोज शर्मा, ऋषभ शर्मा, राकेश डीलर, मदन ठाकुर, सुनील ठाकुर, शिवकुमार, पंचम ठाकुर, कुलदीप, प्रवीण, ओमपाल कश्यप, मिट्ठू वाल्मीकि, शौकीन, बालेश्वर पाल, विक्रांत राणा, रामपाल प्रजापति, छोटे कश्यप, राकेश आदि उपस्थित रहे।
कोई तो करा दें खफराना गांव का विकास
शहीद अनुज कुमार की पत्नी प्रियंका चौहान ने कहा कि पति तो देश सेवा करते हुए शहीद हो गए। मगर, उनके गांव का कोई तो विकास करा दे। विकास के मामले में यह गांव पिछड़ा हुआ है। यहां आने जाने के लिए सड़के नहीं है। शिक्षा, बिजली, पानी और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सेवाओं की कमी है। इस गांव की ओर भी कोई ध्यान दो।