पीलीभीत जिले के दियोरिया कोतवाली के गांव दियोरिया में शिखा गुप्ता (28) पुत्री स्वर्गीय राममुरारी गुप्ता की रविवार रात सगे भाई अनिल ने लात, घूंसों डंडे और बेल्टों से पीट-पीटकर निर्मम हत्या कर दी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शिखा गुप्ता की गला दबाकर हत्या करने की पुष्टि हुई है। उसके शरीर पर नौ चोटें पाई गईं। पुलिस के मुताबिक पहले शिखा को पीटा गया। इसके बाद चुन्नी से गला दबाकर उसकी हत्या कर दी गई। मंगलवार को हत्यारोपी भाई अनिल को जेल भेज दिया गया। दियोरिया इंस्पेक्टर ने शिखा (28) की मां विमला देवी से पूछताछ की। दरअसल पुलिस को यह बात नहीं पच रही है कि पूरा परिवार घर पर था और अकेले भाई अनिल (35) को कोई हत्या करने से नहीं रोक सका। जबकि पिटाई के दौरान शिखा चीखी भी थी। इस पर विमला देवी ने बताया कि घर पर चक्की और स्पेलर चल रहा था। बहू और दूसरा लड़का कमरे से दूर थे।

चक्की के शोर के कारण अन्य लोगों को घटना का पता नहीं चल सका। वह जब बचाने गईं तो लड़के ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी। इंस्पेक्टर ने रात भर घटना के छिपाने की वजह पूछी तो विमला देवी ने बताया कि रात में रिश्तेदारों को बता दिया था। उनके आने का इंतजार कर रही थीं। विज्ञापन

सुबह जैसे ही वह आए पुलिस को घटना की जानकारी दी। इसके बाद अनिल ने थाने जाकर आत्मसमर्पण कर दिया। विमला देवी की तहरीर पर उनके बेटे अनिल के खिलाफ पुलिस ने हत्या की रिपोर्ट दर्ज की थी। अनिल के छोटे भाई राजकुमार को भी पुलिस पूछताछ के लिए थाने लेकर आई थी। पूछताछ के बाद पुलिस ने उसे छोड़ दिया।

जेल जाने से पहले मां के सामने बोला अनिल- अम्मा बदल दो बयान…
शिखा की हत्या में नामजद बड़े भाई अनिल गुप्ता को जब पुलिस जेल भेजने की तैयारी कर रही थी। इसी दौरान विमला देवी थाने पहुंच गईं। मां को देखकर अनिल बोल पड़ा-अम्मा बयान बदल दो, मुझे पुलिस से छुड़वा लो। मैं किसी को परेशान नहीं करूंगा। छूटने के बाद घर छोड़कर चला जाऊंगा।

मां ने कहा- जब बहन को मार रहे थे तब क्यों नहीं सोचा? इस पर अनिल चुप हो गया। उसके चेहरे पर अफसोस झलक रहा था। पुलिस की पूछताछ में भी उसने अपनी गलती मानी। पुलिस ने जब उससे पूछताछ की तो अनिल ने कहा कि आवेश में आकर उसने घटना को अंजाम दिया। वह शिखा की हत्या नहीं करना चाहता था। शिखा छत पर टहल रही थी जब उसने टोका तो उसने इतना कह दिया कि छत पर न टहलूं तो कहां टहलू?

इतना सुनते ही उसे गुस्सा आ गया। इसके बाद वह शिखा को पीटते हुए नीचे ले गया। आवेश में यह घटना हो गई। अनिल का कहना है कि शिखा के अक्सर छत पर टहलने के कारण पड़ोस वाले उसे टोका करते थे। रविवार को भी एक व्यक्ति ने उससे इस बाबत कहा था। जिस कारण उसमें गुस्सा भरा था। घर पहुंचा तो शिखा को फिर छत पर देखकर गुस्सा आ गया। उसने कहा कि शिखा की हत्या का उसे जिंदगी भर अफसोस रहेगा।