उधमपुर दुर्ग एक्सप्रेस अग्निकांड की जांच कर रही चार सदस्यीय समिति घटनास्थल की जांच व कर्मचारियों के बयानों के आधार पर किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। पता चला है कि समिति संबंधित विभाग (इलेक्ट्रिक या सीएंडडब्लू) को जिम्मेदार ठहराने की जगह धूम्रपान करने वाले मुसाफिर पर ठीकरा फोड़ने की तैयारी में है।
अफसरों का मानना है कि निश्चित ही किसी यात्री ने चलती ट्रेन में शौचालय के अंदर सिगरेट पी होगी। इसके बाद यात्री ने जलते सिगरेट के अंतिम टुकड़े को शौचालय के किसी ऊपरी हिस्से में घुसा दिया होगा। हवा लगने पर टुकड़े से निकल रहे धुएं ने आग का रूप धारण कर लिया, जिससे दो कोच जलकर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए।
विगत 26 नवंबर दोपहर तीन बजे आगरा से ग्वालियर की ओर आ रही ट्रेन नंबर 20848 उधमपुर दुर्ग सुपरफास्ट एक्सप्रेस के दो वातानुकूलित कोचों में धौलपुर और मुरैना के बीच हेतमपुर स्टेशन पर आग लग गई थी। यात्रियों ने ट्रेन से कूदकर व दूसरे कोचों में पहुंचकर जान बचाई। इस घटना में ए वन व ए टू दो कोच जलकर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। दोनों कोच में सवार 50 से अधिक यात्रियों का 20 लाख रुपये से अधिक का सामान, नकदी, जेवरात जल गए थे।
रेल मंत्रालय के आदेश पर 27 नवंबर को मुख्य संरक्षा आयुक्त लतीफ खान, रेलवे बोर्ड के प्रिंसिपल एक्जीक्यूटिव केपी यादव, चार सदस्यीय समिति के अध्यक्ष प्रिंसिपल चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर मनीष गुप्ता, मुख्य इलेक्ट्रिक सर्विस इंजीनियर, मुख्य संरक्षा आयुक्त और मुख्य सुरक्षा आयुक्त समेत आगरा व झांसी मंडल के 20 से अधिक अधिकारियों ने घटनास्थल पर जांच की।
इसके बाद 28 नवंबर को चार सदस्यीय समिति ने डीआरएम कार्यालय सभाकक्ष में ट्रेन के लोको पायलट, सहायक लोको पायलट, गार्ड समेत 20 कर्मचारियों के बयान दर्ज किए। ग्वालियर फोेरेंसिक टीम की जांच रिपोर्ट मंगा ली गई। जांच पूरी करने के बाद टीम बुंदेलखंड एक्सप्रेस से प्रयागराज लौट गई। समिति अपनी रिपोर्ट महाप्रबंधक को सौंपेगी।
पता चला है कि जांच समिति किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। इलेक्ट्रिक विभाग ने शॉर्ट सर्किट से आग लगने के कारण से साफ इंकार कर दिया है। किसी यात्री द्वारा शौचालय में सिगरेट पीने से आग लगने के कारण पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। जनसंपर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि जल्द ही जांच रिपोर्ट में आग लगने का कारण स्पष्ट हो जाएगा।