इलाहाबाद पश्चिम सीट पर 2017 में पहली बार कमल खिला था। 1974 में यहां से जनसंघ के तीरथराम कोहली जीते थे। 1989 से 2004 तक यह क्षेत्र बाहुबली अतीक अहमद का गढ़ रहा। पिछली बार भाजपा से सिद्धार्थनाथ सिंह ने जीत हासिल की। वह कैबिनेट मंत्री और यूपी सरकार के प्रवक्ता बने।

कभी इस सीट की पहचान माफिया एवं पूर्व सांसद अतीक अहमद से थी। माफियाओं के कब्जे पर बुल्डोजर चलाने की चर्चा होते ही इस सीट का जिक्र होने लगता है। यह सीट 1967 में अस्तित्व में आई। 1989 के चुनाव में अतीक अहमद निर्दल चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे। उनकी जीत का सिलसिला 1991, 1993, 1996 और 2002 तक जारी रहा।

2004 के लोकसभा चुनाव में फूलपुर से सांसद चुने जाने के बाद अतीक ने इस्तीफा दे दिया। उसके बाद 2004 उपचुनाव में बसपा प्रत्याशी राजू पाल ने अतीक के छोटे भाई अशरफ को हराकर अतीक का वर्चस्व तोड़ा। 2005 में राजू पाल की हत्या हो गई। उसके बाद उपचुनाव में अशरफ विधायक बने। 2007 और 2012 में राजू पाल की पत्नी पूजा पाल बसपा के टिकट पर जीतीं।

कौन-कौन प्रत्याशी

भाजपा से सिद्धार्थनाथ सिंह हैं। बसपा ने पूर्व घोषित प्रत्याशी लल्लन सिंह पटेल के स्थान पर गुलाम कादिर को टिकट दिया है। सपा ने पहले अमरनाथ मौर्य फिर ऋचा सिंह को प्रत्याशी बनाया था। अमरनाथ मौर्या का नामांकन पत्र खारिज हो चुका है। ऋचा सिंह सपा की प्रत्याशी हैं। कांग्रेस ने पार्षद तसलीमुद्दीन को उम्मीदवार बनाया है। ऐसे में इस सीट पर कांटे की टक्कर है।

ये है प्रमुख मुद्दे

मुद्दों की बात करें बेगम बाजार में 2018 से अधूरा फ्लाई ओवर पूरा नहीं हो सका है। सड़क, नाली, खड़ंजे की समस्या बनी हुई है। लंबे समय तक अराजकता का सामना करने वाले इस क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखना चुनौती है। इस क्षेत्र की अविकसित कॉलोनियों में सीवर, बिजली, पानी तथा इंटरलॉकिंग की समस्याएं हैं। हर गांव के घर-घर को जल जीवन मिशन से जोड़कर शुद्ध पेयजल आपूर्ति और गांव को प्रमुख मार्गों से जोड़ने का काम अधूरा है। एयरपोर्ट बमरौली से हाईकोर्ट तक मेट्रो रेल स्थापित कर यातायात की सुगमता का वादा पूरा नहीं हो सका है।

कुल मतदाता-454293
पुरुष-247897
महिला-206355
थर्ड जेंडर-41
नए मतदाता-37994