धर्म परिवर्तन संबंधी आपत्तिजनक वायरल वीडियो की वजह से वरिष्ठ आईएएस अफसर इफ्तिखारुद्दीन सुर्खियों में हैं। इसके साथ ही उनके कानपुर में तीन साल लंबे कार्यकाल की तमाम बातें फिर चर्चा में आ गई हैं। 2014 से 2017 के बीच वह कानपुर में कमिश्नर थे। उस दौर में उनके अजीब व्यवहार के किस्से खूब सुने-सुनाए जाते थे। खासकर दीप प्रज्वलन और माल्यार्पण से परहेज उनकी पहचान बन गया था।
शहर के एक बड़े सामाजिक संगठन के पदाधिकारी ने कहा, ‘हमारा एक बड़ा कार्यक्रम था। हमने उन्हें मुख्य अतिथि बनाया। वे आए पर दीप प्रज्वलन के वक्त बुलाने पर भी आगे नहीं बढ़े। उन्होंने चित्र पर माल्यार्पण भी नहीं किया। बाद में पता चला कि वह इन दोनों रस्मों से परहेज करते थे।’
लंबे भाषण पर मुस्कुराते थे लोग
इफ्तिखारुद्दीन को लंबा भाषण देने की आदत थी। कई कार्यक्रमों में उन्हें बुलाने वाले एक आयोजक ने बताया कि उनका भाषण मूल विषय से भटक जाता था। एक बार ट्रैक से उतरने के बाद वह कब रुकेंगे, इसका अंदाज लगाना मुश्किल होता था। कई बार वह पर्यावरण, शिक्षा, सामाजिक बुराइयों पर बात करते-करते दीनी तालीम की तरफ बढ़ जाते थे। बाद के दिनों में ज्यादातर संगठनों ने उन्हें बुलाना ही बंद कर दिया था। इफ्तिखारुद्दीन का व्यवहार उनके अधीनस्थ अफसरों से सहज नहीं रहा। कई मंडल व जिलास्तरीय अधिकारियों को इसका खराब अनुभव हुआ। ऐसे एक अधिकारी ने कहा कि इफ्तिखारुद्दीन कुछ भी बोल देते थे। उनकी भाषा शालीनता का दामन छोड़ देती थी। इसके अलावा कई बार वह मीटिंग में विषय भूलकर अधीनस्थों को मजहबी जानकारी देने लगते थे। अफसरों के लिए उनकी मीटिंग सजा की तरह लगने लगी थी।
चर्चा में रहा कमिश्नर हाउस
मंगलवार को कानपुर का कमिश्नर हाउस चर्चा में रहा। पूर्व कमिश्नर इफ्तिखारुद्दीन के वायरल वीडियो की चर्चा शहर में तो थी ही, कमिश्नर आवास के कर्मचारी भी इस विषय पर बात करते रहे। उनके कार्यकाल के कई किस्से कर्मियों की चर्चा में थे। एक कर्मचारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि उस दौर में कुछ खास लोगों का बेखटक आना-जाना होता था। अंदर मजलिस जैसा माहौल रहता था। एक कर्मचारी ने कहा कि मेट्रो की डीपीआर तैयार होते वक्त कल्याणपुर में कुछ लोगों की जमीन उसमें आ गई। सभी परिवार गरीब थे। परिवारों ने कमिश्नर से मुलाकात की तो उन्हें डांटकर भगा दिया गया। बाद में परिवारों को संदेश भेजा गया कि मेरी बात मान जाओगे तो तुम्हारी जमीन छूट जाएगी। वह बात क्या थी जो मनवाने की कोशिश हुई? इसे लेकर चर्चाएं कार्यालय में होती रहीं।
मंडलायुक्त आवास धोकर करेंगे हवन
अखिल भारतीय मठ मंदिर समन्वय समिति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भूपेश अवस्थी ने सीएम द्वारा एसआईटी गठित कर सात दिन में जांच के फैसले का स्वागत करते हुए इफ्तिखारुद्दीन के निलंबन की मांग की है। समिति के पदाधिकारियों ने ऐलान किया है कि बुधवार को मंडलायुक्त आवास में गंगा जल छिड़ककर हवन किया जाएगा। समिति की दक्षिण शाखा के अध्यक्ष दिनेश यादव, महामंत्री अनिल वर्मा ने बुधवार सुबह 10 बजे मंडलायुक्त आवास के गंगाजल से शुद्धीकरण कर हवन करने की अपील की है।
सुरेंद्र मैथानी, विधायक, गोविंद नगर कहते हैं कि मो. इफ्तिखारुद्दीन जब कमिश्नर थे, तब मैं भाजपा का कानपुर उत्तर का अध्यक्ष था। तब इनकी गतिविधियां प्रताड़ित करने वाली थीं। वह यह जताते थे कि तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बहुत खास हैं। उनके वीडियो की जांच के बाद तमाम सच सामने आएंगे। यह वीडियो विभेद फैलाने वाला है।