एसआईटी की जांच में चौकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। मंडलायुक्त आवास की जांच के दौरान टीम ने वहां पर तैनात एक कर्मचारी से अनौपचारिक बातचीत की, जिसमें उसने मंडलायुक्त के कार्यकाल के समय के कई अहम खुलासे किए हैं। एसआईटी टीम शुक्रवार को मामले में कर्मचारी के ऑफिशियल बयान दर्ज करेगी।
एसआईटी टीम ने बुधवार को मंडलायुक्त आवास से जांच शुरू की। टीम ने आवास का निरीक्षण किया और वीडियो में जो जगह दिखाई दे रही है। उस जगह की शिनाख्त कराई। इस दौरान टीम ने बंगले में मौजूद चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों और कुछ बाबूओं से बातचीत की। सूत्रों के मुताबिक कर्मचारी ने बताया कि मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन के कार्यकाल में सबकुछ बदल गया था। मंडलायुक्त आवास में पूजा पाठ करने की अनुमति नहीं थी। न ही उनके यहां कर्मचारी कोई हवन-पूजन कर सकते थे। इतना ही नहीं होली पर रंगों के अलावा दीपावली त्योहार में भी परहेज किया जाता था। मंडलायुक्त कई बार अपने यहां तैनात कर्मियों को डांट लगा देते थे। वह कहते थे कि तुम लोग जाहिल हो, मूर्ति पूजन करते हो। इसका कोई मतलब नहीं है। इस्लाम धर्म ही सबसे बड़ा है। अल्लाह की नेक राह अपनाना ही सबके लिए जरूरी भी है। कर्मचारी ने बताया कि जिन लोगों ने हाथ में कलावा (पूजा का लाल धागा) बांध रखा था। उसे भी उन्होंने उतरवा दिया था। कर्मचारियों से जो बातचीत हुई है उसे रिकार्ड में लाने के लिए टीम गुरुवार को सभी के बयान दर्ज करेगी।
एक ही वीडियो की कई क्लिप हैं वायरल
इफ्तिखारुद्दीन के जो 10-15 वीडियो वायरल हो रहे हैं वह दरअसल पांच- छह घंटे का पूरा वीडियो है। जिसे एडिट करके क्लिपिंग्स में बांट दिया गया है और अब वही क्लिप अलग-अलग सोशल मीडिया पर वायरल की जा रही है। एसआईटी अध्यक्ष व डीजी सीबीसीआईडी जीएल मीणा शुक्रवार को कानपुर में होंगे। वह यहां पर सुबह आ जाएंगे। इसके बाद कल्याणपुर जाकर शिकायत करने वालों के बयान दर्ज कराएंगे साथ ही बाकी लोगों से भी बात करेंगे।
पूर्व कमिश्नर ने अपने फोन से बनवाए थे वीडियो
सीनियर आईएएस मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन की जांच कर रही एसआईटी टीम ने एक और खुलासा किया है। अब तक की जांच में पता चला है कि जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं वह अधिकारी ने खुद अपने मोबाइल फोन से बनवाए थे। एसआईटी इसकी भी जांच करेगी कि आखिरकार अधिकारी ने इस वीडियो को बनवाकर कहां कहां भेजा था और वीडियो भेजने का कारण क्या था। शुरुआती जांच में एसआईटी टीम को पता चला कि यह वीडियो खुद अधिकारी ने बनवाए थे। बड़ा सवाल यह खड़ा हुआ कि पांच साल पहले जो वीडियो बनाए गए वह अब क्यों वायरल हो रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक एसआईटी इस बिन्दु पर भी जांच करेगी कि वीडियो वायरल करने के पीछे किसका और क्या मकसद है।
निर्मल के बयान लेने नहीं पहुंची एसआईटी
कानपुर के पूर्व कमिश्नर मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन पर धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करने का आरोप लगाने वाले सीटीएस बस्ती के निर्मल के बयान लेने एसआईटी गुरुवार को नहीं पहुंची। हालांकि निर्मल को सुबह ही फोन पर टीम के आने की सूचना दी गई थी। लेकिन दिन भर इंतजार के बावजूद भी निर्मल के बयान एसआईटी ने नहीं लिए। निर्मल ने बताया कि वह अपने सभी काम छोड़ एसआईटी का इंतजार करते रहे, लेकिन दोपहर तीन बजे उनके पास पुलिस के दो सिपाही आए। एसपी ऑफिस से आने की बात कहते हुए सिपाहियों ने निर्मल को शुक्रवार को एसआईटी के आने की जानकारी दी है।