लखीमपुर-खीरी कांड के नामजद आरोपी और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष की मुश्किलें फिर बढ़ गई हैं। 63 दिनों से जमानत पर बाहर चल रहे आशीष की हाईकोर्ट से मंजूर बेल को सुप्रीम कोर्ट ने रद कर दिया है। अदालत के इस फैसले के बाद खीरी जिले में हलचल बढ़ गई। अब सबकी नज़र आशीष मिश्रा के अगले कदम पर है जिन्‍हें सु्प्रीम कोर्ट ने एक हफ्ते के अंदर सरेंडर करने को कहा है।

तीन अक्तूबर 2021 को हुए तिकुनिया कांड में आठ लोगों की जान चली गई थी। मरने वालों में चार किसान, एक पत्रकार, एक ड्राइवर, दो भाजपा कार्यकर्ता शामिल थे। इस मामले में दर्ज कराई गई पहली एफआईआर में मंत्री अजय मिश्र टेनी का बेटा आशीष समेत लगभग 20 अज्ञात आरोपी बनाए गए थे। इस मामले की जांच कर रही एसआईटी इनमें से 13 आरोपियों को जेल भेज चुकी है जबकि 14 वें आरोपी वीरेंद्र शुक्ला को सीजेएम कोर्ट से जमानत मिल गई थी। मंत्री के बेटे आशीष की जमानत हाईकोर्ट से मंजूर हुई थी। वह 15 फरवरी को जेल से जमानत पर रिहाई पाया था। बाकी 12 आरोपी अभी भी जेल में ही बंद हैं। इनमें से एक अन्य आरोपी अंकित दास की जमानत अर्जी भी हाईकोर्ट में है।

जेल से आशीष को जमानत पर रिहाई पाए 63 दिन हो चुके हैं। इस बीच सोमवार की सुबह सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया। फैसले की जानकारी के बाद मीडिया का जमावड़ा कचहरी से लेकर मंत्री पुत्र के घर शहपुरा कोठी तक रहा। इसके अलावा जेल गेट पर भी मीडिया का जमावड़ा लगा रहा। हालांकि मंत्री पुत्र के घर से लेकर मंत्री के केंद्रीय कार्यालय तक कोई खास हलचल नहीं रही।

उच्चतम न्यायालय के अनुपालन में आरोपी आशीष मिश्र को एक सप्ताह के अंदर कोर्ट में सरेंडर करना होगा। इसके साथ ही माननीय उच्चतम न्यायालय ने माननीय उच्च न्यायालय को जमानत पर फिर से सुनवाई करने के लिए आदेशित किया है।
अरविंद त्रिपाठी, जिला शासकीय अधिवक्ता

अभी उच्चतम न्यायालय के आदेश का अध्ययन नहीं किया है। इसलिए उसके बारे में कुछ भी कह नहीं कह सकते हैं। आदेश की प्रति मिलने के बाद उसका अध्ययन किया जाएगा। न्यायालय के आदेश का पालन किया जाएगा।
अवधेश सिंह, आशीष के अधिवक्ता

किसान परिवारों ने जताया इंसाफ का भरोसा

तिकुनिया कांड में मारे गए धौरहरा के किसान नच्छत्र सिंह के बेटे जगदीप ने कहा कि उनका न्याय पालिका और सुप्रीम कोर्ट पर पूरा विश्वास है। सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय शहीद किसान परिवारों को इंसाफ दिलाने की दिशा में कदम है।

तिकुनिया कांड में मारे गए पलिया के लवप्रीत के पिता सतनाम सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सही सुनाया है। जमानत याचिका रद होनी चाहिए ही थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हम सम्मान करते हैं और उम्मीद है कि हमको इंसाफ मिलेगा।

पत्रकार के परिवार ने सुप्रीम कोर्ट को दिया धन्‍यवाद

आशीष की हाईकोर्ट से मंजूर जमानत पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पीड़ित किसान व पत्रकार के परिवारों ने संतोष जताया है। सभी ने कहा कि उनको न्याय पालिका पर हमेशा से पूरा भरोसा रहा है। अदालत ने उचित निर्णय सुनाया है। हमें इंसाफ जरूर मिलेगा। पत्रकार रमन कश्यप के भाई पवन कश्यप ने सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस फैसले से उनका ही नहीं, सभी का सुप्रीम कोर्ट व न्याय पालिका पर यकीन और बढ़ गया है। अधिवक्ताओं का भी धन्यवाद दिया।

कब क्‍या हुआ

● 3 अक्तूबर 2021- तिकुनिया में हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई। इस मामले में दो मुकदमे दर्ज किए गए।
● 09 अक्तूबर 2021- एसआईटी की ओर से जारी दो नोटिसों के बाद आशीष एसआईटी के सामने पेश हुआ। उससे 12 घंटे लगातार पूछताछ की गई।
● 10 अक्टूबर 2021- केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष को एसआईटी गिरफ्तार कर लिया।
● 12 अक्टूबर 2021- आशीष मिश्र को घटना स्थल पर ले जाकर सीन रिक्रिएशन कराया गया।
● 15 अक्टूबर 2021- पुलिस द्वारा आशीष मिश्रा की राइफल सहित चार हथियार बरामद किए गए थे।
● 21 अक्तूबर 2021- आशीष की जमानत अर्जी जिला जज की कोर्ट में दाखिल।
● 15 नवम्बर 2021- जिला जज की कोर्ट से आशीष की जमानत अर्जी खारिज।
● 25 नवंबर 2021- एसआईटी की नई टीम में आईपीएस एस.बी. शिराडकर, आईपीएस पद्मजा चौहान, आईपीएस प्रीतिंदर सिंह को एसआईटी में शामिल किया गया। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज राकेश कुमार जैन को भी एसआईटी का हिस्सा बनाया गया।
● 15 दिसंबर 2021- एसआईटी ने कोर्ट में अर्जी देकर कई धाराएं जोड़ी।
● 3 जनवरी 2022- एसआईटी ने मंत्री अजय मिश्रा के बेटे और मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा समेत 14 लोगों के खिलाफ 5000 पेज का चार्जशीट दाखिल किया।
● 10 फरवरी 2022- आशीष मिश्र को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जमानत दी। सुनवाई पहले ही हो चुकी थी। कोर्ट ने इस पर अपना फैसला सुनाया।
● 15 फरवरी 2022- जमानत मिलने के बाद आशीष मिश्र जेल से रिहा हो गया।