अपने गुरु और अखाड़ा परिषद के अध्‍यक्ष नरेन्‍द्र गिरि की संदिग्‍ध मौत मामले में गिरफ्तार उनके शिष्‍य आनंद गिरि पर जेल में हमला हो सकता है। यह आशंका जताते हुए उनके वकीलों ने कोर्ट से विशेष सुरक्षा सुनिश्चित कराने की मांग की है। इस बीच बुधवार को कोर्ट में पेशी के दौरान आनंद गिरि ने प्रयागराज में लंबे समय से तैनात एक पुलिस अफसर की भूमिका पर सवाल उठाया। उन्‍होंने मीडियाकर्मियों से ‘सत्‍यमेव जयते’ कहकर अपनी बेगुनाही प्रमाणित होने की उम्‍मीद जताई। 

आनंद गिरि के हरिद्वार से लाने के बाद पुलिस उन्हें पुलिस लाइन के अंदर रखी थी। वहां पर किसी को जाने की इजाजत नहीं थी। मंगलवार शाम को कोर्ट में पेश करने से पूर्व पुलिस ने बेली में उनका मेडिकल परीक्षण कराया। इसके बाद कोर्ट में पेश की। इस दौरान मीडियाकर्मियों से रूबरू हुए आनंद गिरि ने पहले तो चुप्पी साधी और कहा कि सत्यमेव जयते। आखिर में इस प्रकरण में प्रयागराज में लंबे समय से तैनात एक पुलिस अफसर की भूमिका पर आरोप लगाया।

पेशी के समय आनंद गिरि के साथ मौजूद आद्या तिवारी ने कुछ भी बोलने से इंकार किया। नरेंद्र गिरि की मौत के जिम्मेदार बताये जा रहे आनंद गिरि और आद्या तिवारी को लेकर मंगलवार शाम को एसआईटी बेली अस्पताल पहुंची। वहां पर दोनों का मेडिकल परीक्षण हुआ। इस दौरान मीडियाकर्मियों से सवालों पर आनंद गिरि खामोश रहे। वज्र वाहन पर बैठने के दौरान सत्यमेव जयते कहा। इसके बाद पुलिस ने उनको कोर्ट में पेश किया। कचहरी परिसर में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए एक पुलिस अफसर पर सीधे आरोप लगाया।

इससे पूर्व उन्होंने हरिद्वार में भी पूर्व अफसर की भूमिका को संदिग्ध कहा था। वहीं दूसरी ओर योग गुरु के अधिवक्ता बताने वाले विजय द्विवेदी और सुधीर श्रीवास्तव ने उनकी सुरक्षा की मांग की है। कहा कि जेल में आनंद गिरि को विशेष सुरक्षा दी जाए। इस माहौल में जेल के अंदर उन पर हमला हो सकता है।