आने वाले 30 से 50 वर्षों में शहर की जरूरत को देखते हुए ट्रांस गोमती क्षेत्र में नया हवाई अड्डा बनाया जाएगा। करीब पौने पांच किमी लंबे रनवे वाले इस हवाई अड्डे के लिए करीब छह हजार एकड़ जमीन चिह्नित की जा रही है। यह प्रस्ताव गुरुवार को एलडीए में सिटी डेवलपमेंट प्लान की बैठक में रखा गया। कमिश्नर की अगुवाई में हुई इस बैठक में भविष्य की जरूरत को देखते हुए कई योजनाओं का खाका खींचा गया।
लखनऊ विकास प्राधिकरण की बैठक में नया एयरपोर्ट कुर्सी रोड पर बनाने का प्रस्ताव रखा गया। बताया गया कि मौजूदा अमौसी एयरपोर्ट का रनवे 2.74 किमी लंबा है, यहां अमेरिका, यूरोप से आने वाले बड़े हवाई जहाज नहीं उतर सकते। यहां रनवे 300 मीटर और बढ़ सकता है, लेकिन भविष्य की जरूरत 4.7 किमी रनवे की है। ऐसे में कुर्सी रोड पर नए एयरपोर्ट के लिए छह हजार एकड़ जमीन चिह्नित की जा रही है।
बैठक की अध्यक्षता कमिश्नर रंजन कुमार ने की। इसमें उपाध्यक्ष एलडीए अक्षय त्रिपाठी ने आने वाले समय का खाका सबके सामने रखा। बैठक में सचिव पवन कुमार गंगवार सहित जिला प्रशासन, नगर निगम, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, रेलवे, अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी भी रहे।
इसलिए चुनी गई कुर्सी रोड
बीकेटी एयरफोर्स बेस स्टेशन के नजदीक होने के चलते एयरपोर्ट के लिए कुर्सी रोड को चुना जा रहा है। दरअसल, एयरपोर्ट के 20 किमी दायरे में निर्माण के लिए एनओसी लेनी पड़ती है और 300 मीटर से 10 किमी तक सख्त मानक हैं। बीकेटी पास होने से ये मानक पहले से पूरे हो रहे हैं।
एक घरेलू, दूसरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनेगा
बैठक में कहा गया कि देश के कुछ अन्य शहरों की तर्ज पर शहर में दो एयरपोर्ट संचालित किए जा सकते हैं। मौजूदा अमौसी एयरपोर्ट घरेलू उड़ानों के लिए और नया हवाई अड्डा सिर्फ अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए होगा। अमौसी में 1400 करोड़ रुपये लागत से नया टर्मिनल-3 बन रहा है, जो घरेलू उड़ानों के लिए उपयुक्त रहेगा। नया टर्मिनल बनने के बाद क्षमता भी बढ़ाई जा सकेगी।
ग्रीन कॉरिडोर पर भविष्य में बनेंगे फ्लाईओवर
आमतौर पर योजनाएं पूरी होते वक्त आबादी और वाहनों का दबाव बढ़ जाता है। इसलिए इस प्लान में सिटी मोबिलिटी यानी शहरी सुगम यातायात को आधार बनाया गया है। अब जो भी योजनाएं बनेंगी, उनको भविष्य की जरूरत को देखते हुए बनाया जाएगा। मौजूदा समय जिन पर काम हो रहा है, उनमें भी जरूरत के मुताबिक बदलाव होंगे। इस क्रम में ग्रीन कॉरिडोर पर कुछ फ्लाईओवर बनाए जाने के आसार हैं।
यह होंगे बदलाव
– मेट्रो के दूसरे चरण को आसान परिवहन के लिए जल्द शुरू करने की जरूरत है।
– ग्रीन कॉरिडोर किसान पथ को जोड़ेगा, इसलिए उसमें नए फ्लाईओवर बनाए जाएं।
– मौजूदा चालू योजनाओं में भी बढ़ते यातायात और आबादी के मुताबिक बदलाव हो।