उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए हर राजनीतिक दल ने पूरी ताकत झोंक दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज सिद्धार्थनगर और वाराणसी जिलों के दौरे पर आ रहे हैं। अभी 20 अक्टूबर को ही पीएम ने कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का शुभारंभ और कुशीनगर मेडिकल कालेज का शिलान्यास किया था। पीएम आज सिद्धार्थनगर से नौ मेडिकल कालेजों के लोकार्पण के साथ ही वाराणसी से आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना की शुरुआत करेंगे। जाहिर है कि मिशन यूपी के लिए बीजेपी का पूर्वांचल पर खास फोकस है और पीएम के इन दौरों को इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जा रहा है
प्रधानमंत्री द्वारा सोमवार को सिद्धार्थनगर से एक साथ नौ मेडिकल कालेजों के लोकार्पण और आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना की शुरुआत को यूपी खासकर पूर्वांचल में मेडिकल क्रांति के तौर पर देखा जा रहा है। गोरखपुर में एम्स के बाद पूर्वांचल को एक साथ पांच मेडिकल कालेजों (नौ में से पांच मेडिकल कालेज पूर्वांचल के हैं) की सौगात मिल रही है। इन सभी कॉलेजों ने बैचलर ऑफ मेडिसिन, बैचलर ऑफ सर्जरी (एमबीबीएस) में 100-100 सीटों पर प्रवेश के लिए नेशनल मेडिकल काउंसिल से अनुमति प्राप्त की है। वर्ष 2017 के पहले गोरखपुर-बस्ती मंडल में जहां एक मात्र मेडिकल कालेज गोरखपुर का बीआरडी मेडिकल कालेज हुआ करता था और उसकी सीटों की मान्यता पर भी हमेशा एमसीआई की तलवार और संकट मंडराता रहता था वहीं आज पीएम मोदी सिद्धार्थनगर में बने मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण करेंगे और इसके साथ ही वहीं से एटा, हरदोई, प्रतापगढ़, फतेहपुर, देवरिया, गाजीपुर, मिर्जापुर और जौनपुर के मेडिकल कॉलेजों को भी डिजिटल माध्यम से लोकार्पित करेंगे। इन मेडिकल कॉलेजों का निर्माण 2329 करोड़ रुपए की कुल लागत से किया गया है।
आज पूर्वांचल को एक साथ पांच मेडिकल कालेज मिलने यहां की करीब 11 करोड़ की आबादी को फायदा होगा। पहले जब अकेले गोरखपुर मेडिकल कालेज था तो गोरखपुर-बस्ती मंडल के अलावा पश्चिमी बिहार और नेपाल के तराई क्षेत्र से भी बड़े पैमाने पर लोग यहां इलाज कराने आते थे। गोरखपुर मेडिकल कालेज इंसेफेलाइटिस और कई संक्रामक बीमारियों के इलाज का प्रमुख केंद्र था। यहां डॉक्टर, बेड, दवाइयों और अन्य सुविधाओं के लिए हमेशा दिक्कत होती थी। लेकिन गोरखपुर में ही एम्स और पूर्वांचल के कई जिलों में मेडिकल कालेज खुलने से मरीजों को बड़ी राहत मिलने जा रही है।