दस साल की काजल निषाद ने रविवार को प्रयागराज से लखनऊ की दौड़ शुरू की। अपने प्रशिक्षक रजनीकांत की देखरेख में काजल 210 किमी की दौड़ लगाकर लखनऊ पहुंचेगी। वह यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर इंदिरा मैराथन में सम्मानित नहीं किए जाने की शिकायत करेगी।
काजल ने पिछले साल इंदिरा मैराथन में भाग लिया और दौड़ पूरी की। काजल इंदिरा मैराथन में व्यक्तिगत स्तर पर दौड़ लगाकर चर्चा में आई थी। सिविल लाइंस से दौड़ शुरू करने वाली काजल ने बताया कि पिछले साल इंदिरा मैराथन में वह 14वें स्थान पर थी। लेकिन उसको मैराथन के आयोजक और प्रशासन ने कोई सम्मान नहीं दिया। काजल जिस स्कूल में पढ़ती है, वहां भी सरहाना नहीं मिली।
सात दिन में लखनऊ का सफर तय करने वाली काजल प्रतिदिन 35-40 किमी दौड़ लगाएगी और कुंडा में राजा भैया के आवास पर विश्राम करेगी। काजल के प्रशिक्षक रजनीकांत ने बताया कि काजल पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह के क्षेत्र (मांडा) स्थित ललितपुर की है। वह तीन बहनों में छोटी है और पिता नीरज रेलवे में प्वाइंट्समैन हैं।
18 साल से कम उम्र के धावक मैराथन में नहीं दौड़ सकते: काजल इंदिरा मैराथन में दौड़कर चर्चा में आई। लेकिन एथलेटिक्स फेडरेशन की गाइडलाइन के अनुसार 18 साल से कम उम्र के धावक-धाविका मैराथन में भाग नहीं सकते।
नारी शक्ति का है प्रतीक
काजल निषाद के प्रशिक्षक रजनीकांत ने बताया कि नन्ही बच्ची काजल नारी शक्ति की प्रतीक है।