गठबंधन राजनीति का हिस्सा बने छोटे दलों के टिकट में इस बार बाहर से आने वाले नेताओं की खूब चली। अधिकांश दलों ने बाहर से आने वाले इन नेताओं को पार्टी ज्वाइन कराने के साथ ही टिकट से नवाजने का काम किया। चुनाव मैदान में उतरने की ख्वाहिश के साथ सालों पार्टी का झंडा-डंडा ढोने वाले कार्यकर्ता साधनों व संसाधनों की कमी के चलते इस रेस में पिछड़ गए। इन दलों में 40 से 50 फीसदी टिकट बाहर से आने वाले नेताओं के हाथ लगे। 

टिकट को लेकर इस बार भाजपा गठबंधन में शामिल अपना दल (सोनेलाल) तथा निषाद पार्टी में बाहरी नेताओं की लगातार भीड़ बनी रही। अपना दल (सोनेलाल) से 15 और निषाद पार्टी से अब तक 14 प्रत्याशियों की घोषणा की जा चुकी है। अभी इन दलों के खाते में दो-चार सीटें और भी हैं। इन दलों के प्रत्याशियों की सूची देखने के बाद यह साफ नजर आता है कि कई प्रत्याशी ऐसे हैं जो पहले दूसरे दलों में थे। इन प्रत्याशियों का चुनाव से पू‌र्व संबंधित दल से कोई लेना देना ही नहीं था। 
ऐसे ही सपा गठबंधन में शामिल ओम प्रकाश राजभर की अगुवाई वाले सुभासपा से टिकट पाने की रही। इस दल के नेताओं का दावा है कि घोषित 14 प्रत्याशियों में से आठ ऐसे हैं जो पहले से पार्टी से जुड़े थे। शेष छह टिकट चुनाव में जीत की संभावना को देखते हुए बाहर से आए नेताओं को दिया गया है। वहीं इस गठबंधन से जुड़े अपना दल (कमेरावादी) ने छह प्रत्याशी घोषित किए हैं। यह एकमात्र दल है जिसने सभी टिकट पार्टी से जुड़े नेताओं को ही दिए हैं।