बजट में क्रिप्टो करंसी पर टैक्स लगाने और आरबीआई की ओर से डिजिटल करंसी लाने की घोषणाओं का निवेशकों पर सकारात्मक असर हुआ है। हालांकि इससे पहले ही क्रिप्टो की वर्चुअल चमक युवा निवेशकों को लुभाती रही है। एक अनुमान के मुताबिक यूपी के निवेशकों ने वर्चुअल करंसी में पौने चार हजार करोड़ का निवेश कर रखा है, जबकि पूरे देश में 45 हजार करोड़ रुपये इसकी ट्रेडिंग में हैं।
उद्योग एसोचैम यूपी के सह अध्यक्ष अनुपम मित्तल बताते हैं कि हाल में उद्योग संगठन ने क्रिप्टो पर मंथन किया था। पता चला कि यूपी में बड़ी संख्या में लोगों ने क्रिप्टो में निवेश किया है। कानपुर, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद आदि हैं। सिर्फ कानपुर में1100 से 1200 करोड़ का निवेश क्रिप्टो में है।
क्या है क्रिप्टो करंसी
क्रिप्टो में बिटकॉइन, एथेरियम, डॉगकॉइन, लिटकॉइन, पोलकाडॉट, चेनलिंक, मूनकॉइन, शिबाइनू आदि हैं। इनमें कम समय में लोगों को अच्छा लाभ हुआ है हालांकि बाद में तगड़ा नुकसान भी झेलना पड़ा है। एवोक इंडिया अध्यक्ष और लखनऊ मैनेजमेंट एसोसिएशन के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट प्रवीण द्विवेदी के अनुसार क्रिप्टो करंसी की माइनिंग कोई भी कर सकता है। बिटक्वाइन सबसे पुराना है, इसलिए लोगों को इस पर अधिक भरोसा है।
सतर्क रहें
विशेषज्ञ प्रवीण द्विवेदी के अनुसार बजट के बाद कुछ निवेशक समझ रहे हैं कि सरकार ने क्रिप्टो करंसी को कर लगाकर एसेट मान लिया है। यह गलत है। क्रिप्टो करंसी का नियामक नहीं। कोई सुरक्षा नहीं। बेहतर होगा कि आरबीआई की डिजिटल करंसी का इंतजार करें।
ऐसे होता है धोखा
विशेषज्ञों के मुताबिक ट्रेडिंग करने वाले अन्तरराष्ट्रीय कारोबारी कोई न कोई करंसी अचानक उछाल देते हैं। इनका बिजनेस करने वाले अन्य लोगों को लाभ बताते हैं। कई बार एक घंटे में ही अप्रत्याशित फायदा दिखने लगता है और लोग इसी लालच में पड़ रहे हैं।
● क्रिप्टो करेंसी में कोई नियामक नहीं है। कौन चला रहा है इसका भी पता नहीं। इसलिए सावधानी बरतना जरूरी है।
● रूस, चीन, जापान, यूरोप समेत कई देशों से क्रिप्टो करंसी चलाई जा रही हैं।
● सबसे पुराने बिटकॉइन को बनाने वाला शख्स कहां रहता है, किसी को नहीं पता।
● एक नई करंसी का केरल में फ्रॉड हो चुका है, जिसमें 40 हजार लोग बर्बाद हुए।