अगले पांच सालों में उत्तर प्रदेश को ग्लोबल टेक्सटाइल हब बनाने की दिशा में गंभीर प्रयास कर रही योगी सरकार ने कभी पूरब का मैनचेस्टर कहे जाने वाले कानपुर,ताजनगरी आगरा, नोएडा और गोरखपुर में रेडीमेड गारमेंट उद्योग को प्रोत्साहन देने की एक महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है।
अपर मुख्य सचिव निर्यात प्रोत्साहन, खादी एवं ग्रामोद्योग नवनीत सहगल ने मंगलवार को बताया कि राज्य में बनने वाले हथकरघा और रेडीमेड वस्त्र देश के कोने कोने में लोकप्रिय रहे हैं। योगी सरकार ने इस गौरवशाली परंपरा को और समृद्ध करते हुए प्रदेश के कई जिलों में रेडीमेड गारमेंट उद्योग को बढ़ावा देने की योजना बनाई है जिसके तहत न सिर्फ नई इकाइयां लगेंगी बल्कि इन इकाइयों में निर्मित उत्पादों का निर्यात भी किया जायेगा जिससे प्रदेश में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
उन्होंने बताया कि औद्योगिक विकास की इस महत्वकांक्षी कार्ययोजना के अनुसार, आगामी 100 दिनों में आगरा, गोरखपुर और कानपुर में फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स का शिलान्यास कराया जाएगा। इनमें गारमेंट उत्पादन से जुड़ी इकाईयों को स्थापित किया जाना शामिल हैं।
सहगल ने बताया कि लोक कल्याण संकल्प पत्र 2022 के अनुसार, आगामी पांच वर्षों में उत्तर प्रदेश को ग्लोबल टेक्सटाइल हब बना कर, पांच लाख रोजगार या स्व-रोजगार के अवसर प्रदान किये जाएंगे। केन्द्र सरकार की पीएम मंत्री योजना के अंतर्गत विश्व-स्तरीय टेक्सटाइल पार्क का विकास किया जाएगा, जिसमें प्रस्तावित निवेश लक्ष्य 10 हजार करोड़ रूपये हैं।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि अगले 100 दिनों में नोएडा में अपैरल पार्क बनाने की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी और जुलाई 2022 में इसका शिलान्यास होने की संभावना है। इस क्षेत्र में जून 2022 तक रु 3000 करोड़ के निवेश से लगभग 115 एक्सपोर्ट ऑरिएन्टेड टेक्सटाइल इकाइयां स्थापित की जाएंगी। साथ ही, पीपीपी मोड पर पांच नए टेक्सटाइल व अपैरल पार्क बनाने की प्रक्रिया तेज की जा रही है। आगामी 5 वर्षों में प्रदेश के प्रत्येक ब्लॉक में हथकरघा और टेक्सटाइल क्लस्टर का विकास प्रस्तावित है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि प्रदेश में वस्त्र उद्योग क्षेत्र में रोजगार सृजन के लिये व्यापक संभावनाएं मौजूद हैं। पिछले पांच वर्षों में, यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की प्रमुख योजनाओं के अंतर्गत, 118 एकड़ पर अपैरल पार्क (सेक्टर 29 में), और गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण की प्रमुख योजनाओं में फ्लैट टेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स की 80 इकाईयां और गार्मेंट् पार्क का विकास प्रारंभ किया गया। इसी विचार के तहत, गत वर्ष, प्रदेश सरकार ने टेक्सटाइल पार्क और अपैरल पार्क के विकास के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किये थे।
सहगल ने बताया कि गौतमबुद्धनगर के जेवर एयरपोर्ट के 50 कि.मी. की परिधि में तथा यूपीडा (उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण) द्वारा नर्मिति किए जा रहे एक्सप्रेस-वे के किनारे प्रदेश के अन्य स्थानों पर कम से कम 5 अपैरल/गार्मेन्टिंग पार्कों की स्थापना के प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होने बताया कि प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र को विशेष रूप से रेडीमेड गारमेंट्स सेक्टर के केंद्र के रूप में विकसित किये जाने का प्रस्ताव है। गोरखपुर जिले में टेराकोटा के बाद रेडीमेड गारमेंट्स को गोरखपुर की एक जिला एक उत्पाद योजना (ओडीओपी) में शामिल किया गया है। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र (गीडा) द्वारा विकसित की जा रही फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स बनाया जाएगा जिसमे टेक्सटाइल यूनट्सि होंगी। साथ ही, आगरा जिले में एक इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल व अपैरल इन्डस्ट्रीयल पार्क स्थापित किये जाने की योजना है।
इन महत्वाकांक्षी योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ, उत्तर प्रदेश को औद्योगिक उत्पादन, रोजगार और नर्यिात के क्षेत्र में देश मे अग्रणी भूमिका निभाने के अवसर मिलेंगे।