कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर कांग्रेस की तरह सपा के तेवर भी सरकार के खिलाफ सख्त है । सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने देश में कोरोना संक्रमण की एंट्री पर सवाल उठाकर केंद्र सरकार को अपने घेरे में लेने का प्रयास किया । वैसे देखा जाए तो अखिलेश गाहे बगाहे इस कोरोना काल में सरकार पर वार करने से चूकते नहीं हैं । वो कई बार केंद्र की मोदी सरकार और सूबे की योगी सरकार को सुझाव तो देते नजर आते हैं लेकिन उनके उस सुझाव में राजनीति भी साफ झलक जाती है ।
बहरहाल अपने नए ट्वीट में उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा है कि
दावा है कि जब कोरोना के केस नहीं थे तब ही विभिन्न एअरपोर्ट्स पर स्क्रीनिंग शुरू कर दी गयी थी । लेकिन सवाल ये है कि वो कितनी गंभीर और सार्थक रही? अगर ये सच है तो फिर ये बताया जाए कि कोरोना हमारे देश में पहले पहल कैसे आया ? जब सार्थक काम होंगे, तब भी सच में देश का भला होगा ।
इससे पहले सोमवार को अखिलेश ने अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि कोरोनाकाल में सपा के कार्यकर्ताओं द्वारा राशन वितरण व जनता की सहायता करने पर उन पर भाजपा सरकार द्वारा मुक़दमा दर्ज किया जाना अमानवीय व निंदनीय है। कम्प्यूटर के सामने दिखावे की समीक्षा करने से हालात नहीं सुधरेंगे, सत्ताधारियों को सड़क पर उतरकर सपा की तरह सीधी सेवा करनी होगी ।