dimple yadav on women reservation bill

Women Reservation Bill: महिला आरक्षण बिल पर सपा सांसद डिंपल यादव ने सरकार से एक सवाल ऐसा किया… जिसका जवाब देना सरकार के लिए आसान नहीं होगा है… डिंपल यादव ने सिंपल सा सवाल पूछा…जितना सिंपल डिंपल का सवाल था… उतना ही सरल तरीके वो सरकार से जवाब चाहती हैं… हालांकि डिंपल का मालूम है… जो सवाल उन्होंने किया है… उसका जवाब ना तो मोदी सरकार दे पाएगी… और ना ही बीजेपी जवाब देने में असहज हो पाएगी… लेकिन डिंपल उस सवाल का जवाब जानती है… उस सवाल से डिंपल बीजेपी की पूरी राजनीति को समझ रही है…

हाइलाइट्स

  • महिला आरक्षण बिल पर डिंपल यादव का सरकार से सिंपल सवाल… कहने वाले तो कह रहे… डिंपल ने बीजेपी के इरादे को भांप लिया
  • OBC महिलाओं के लिए अलग कोटा…महिला आरक्षण बिल पर डिंपल यादव ने कर दी ये बड़ी मांग
  • यूपी में महिला आरक्षण बिल से सियासत की बदलेगी तस्वीर… लोकसभा चुनाव में होगा व्यापक असर


दरअसल 19 सितंबर को नए संसद भवन में लोकसभा की कार्यवाही में सरकार ने पहला बिल पेश किया. पहला ही बिल महिला आरक्षण से जुड़ा है… इसे ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ नाम दिया गया है… इस बिल में लोकसभा और विधानसभा में 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रावधान है…. वहीं इस बिल के लोकसभा में पेश होने के बाद समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दी और बिल में OBC महिलाओं के लिए आरक्षण की मांग की…


महिला आरक्षण बिल पर सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि,


सरकार को 9 साल पूरे हो गए हैं… अगर इन्हें महिला आरक्षण बिल लाना था तो ये पहले ला सकते थे… ये इसे आखिरी साल में ला रहे हैं, जब चुनाव हैं… सपा ने हमेशा इसका समर्थन किया है और हम सभी चाहते हैं कि OBC महिलाओं का भी इसमें आरक्षण निर्धारित हो क्योंकि जो आखिरी पंक्ति में खड़ी महिलाएं हैं उन्हें उनका हक मिलना चाहिए…



गौरतलब है कि पिछले 27 सालों में इस विधेयक को जब कभी संसद में लाया गया… समाजवादी पार्टी ने इसका जमकर विरोध किया था… उन्होंने केवल इसका विरोध ही नहीं किया बल्कि विधेयक की प्रतियां भी फाड़ दी थीं… सपा ने कोटा में कोटा की मांग करती रही हैं यानि महिला आरक्षण में एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक समाज की महिलाओं के लिए आरक्षण फिक्स किया जाए…..


वैसे डिंपल यादव जिस उत्तर प्रदेश से सांसद चुनकर आती है… अगर ये बिल पास हो गया तो…उसी उत्तर प्रदेश में इसका व्यापक असर देखने को मिल सकता है क्योंकि 33 फीसदी आरक्षण के बाद यहां की विधानसभा की तस्वीर एकदम बदल जाएगी…उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 403 और लोकसभा की 80 सीटें हैं… मौजूदा समय की बात करें तो 403 विधायकों में सिर्फ 48 महिलाएं हैं…ये कुल संख्या का केवल 12 फीसदी बैठता है… विधान परिषद में तो हालात और खराब हैं… वहां सिर्फ 6 फीसदी महिलाओं की भागीदारी है… 80 लोकसभा सीटों में सिर्फ 11 सांसद महिलाएं हैं… यानी कि लोकसभा में यूपी से सिर्फ 14 फीसदी महिलाओं का प्रतिनिधित्व है… पूरे देश की बात करें तो अभी लोकसभा में महिलाओं की भागीदारी 15 फीसदी से कम और राज्य विधानसभाओं में 10 फीसदी से कम है…ऐसे में अगर महिला आरक्षण बिल सदन में पास हो जाता है तो फिर निश्चित तौर पर ये आंकड़े बदलेंगे और विधानसभा तथा लोकसभा में ‘आधी आबादी’ की संख्या में इजाफा होगा… आरक्षण लागू होने के बाद उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में 26 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी… वहीं, विधानसभा की 403 सीटों में से 132 सीटों पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व रहेगा, जो मौजूदा संख्या से काफी ज्यादा है.. आपको बता दें कि लोकसभा में पेश महिला आरक्षण बिल में महिलाओं के लिए सभी सदनो में 33 फीसदी यानी कि एक तिहाई सीटें आरक्षित करने का प्रस्ताव है… इसके अलावा, एससी-एसटी और ऐंग्लो इंडियन्स के लिए 33 फीसदी उप-आरक्षण का भी प्रस्ताव रखा गया है… हर चुनाव में आरक्षित सीटों को रोटेट किया जाएगा… ये व्यवस्था 15 सालों के लिए लागू रहेगी और इसके बाद आरक्षण की व्यवस्था समाप्त हो जाएगी…