लखनऊ (उत्तर प्रदेश): ओमप्रकाश राजभर (OM Prakash Rajbhar) ने मंत्रिमंडल में शामिल होने के दावे को जितना शोर मचा कर किया अब वो मंत्रिमंडल विस्तार बीरबल की खिचड़ी बन गया है, जो पक ही नहीं रही… यूपी में जिस मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा थी… लगता नहीं वो घड़ी अभी सामने आने वाली है… ऐसा लग रहा था घोसी में बीजेपी की जीत के साथ ही ये मंत्रिमंडल विस्तार शक्ल ले लेगा… लेकिन घोसी में बीजेपी की हार के साथ ही वो अभी अभी दूर की कौड़ी दिखाई दे रहा है, लेकिन इसके समानांतर कुछ घटनाक्रम लखनऊ में ऐसे हुए हैं… जो मंत्रिमंडल में जगह पाने के लिए बेताब सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर की उम्मीदों को तोड़ने वाली है….दारा सिंह चौहान भी दिल्ली की परिक्रमा कर लौट आए, लेकिन मंत्रिमंडल में शामिल होने के सवाल पर एक अघोषित चुप्पी दिखाई दे रही है…. एक अलग ही खामोशी महसूस हो रही है…
हाइलाइट्स
- राजभर-दारा को ‘कुर्सी’ चाहिए मोदी-शाह नहीं… बल्कि अब सीएम करना होगा खुश
- सीएम योगी खुश होंगे तो ही राजभर-दारा को ‘कुर्सी प्यार’ को मिलेगा सम्मान… लेकिन जो खबरे सामने आयी… अभी सीएम योगी का दिल राजभर के लिए नहीं पसीजा
- मंत्रिमंडल विस्तार लखनऊ और दिल्ली के बीच फंस गया… योगी अपने विश्वासपात्रों को जगह देने के लिए अड़े
ओमप्रकाश राजभर समेत अब भी सबकी निगाहें योगी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार पर टिकी हुई है… अभी दावा किया जा रहा है कि जल्द ही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार 2.0 का मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है… मंत्रिमंडल विस्तार में हाल ही में बीजेपी के साथ आए सुभासपा मुखिया ओम प्रकाश राजभर को जगह मिल सकती है… इसके साथ ही सपा छोड़कर घर वापसी करने वाले दारा सिंह चौहान को भी मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की चर्चाएं जोरों पर है…ये दावा इसलिए किया गया… सीएम योगी आदित्यनाथ ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मुलाकात की है…सीएम योगी के राज्यपाल से हुई इस मुलाकात के बाद से मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाओं ने तूल पकड़ लिया…योगी मंत्रिमंडल में शामिल होने के आतुर दारा सिंह चौहान को कुछ उम्मीदें इसलिए बढ़ी… उसकी वजह दिनेश शर्मा का राज्यसभा में शपथ ले लेना है… माना जा रहा था… उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल गठन की पिच तो तैयार है, लेकिन फैसला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को करना है… जिस तरीके से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अपनी अथॉरिटी बना रखी है उसमें जब तक वो नहीं चाहेंगे तब तक मंत्रिमंडल विस्तार नहीं होगा, ये बिल्कुल साफ दिखाई देता है…
माना जा रहा है कि जब तक ओमप्रकाश राजभर जैसे लोग मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर टिप्पणी करते रहेंगे यानी मुख्यमंत्री की अथॉरिटी को चुनौती देते रहेंगे तब तक यह विस्तार नहीं होगा क्योंकि पहले भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ओमप्रकाश राजभर के बाद बोले बयानों की वजह से नाराजगी जता चुके हैं…मुख्यमंत्री ने तो घोसी की हार के बाद कुछ नहीं बोला लेकिन केशव मौर्य ने इशारों इशारों में घोसी की हर को एक दुर्घटना करार दे दिया, साथ ही ओमप्रकाश राजभर के बड़बोले नसीहत पर दे डाली…माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल विस्तार के मूड में नहीं हैं, लेकिन दिल्ली दरबार का कमिटमेंट ओमप्रकाश राजभर और दारा सिंह चौहान से है… ऐसे में मंत्रिमंडल विस्तार लखनऊ और दिल्ली के बीच फंस गया है…दरअसल, जब योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का मंत्रिमंडल शपथ हो रहा था तो योगी के सभी करीबी चेहरे बाहर थे… माना गया कि मंत्रिमंडल भाजपा संगठन का है… ऐसे में अब मौका मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास है और उनके ऊपर मंत्रिमंडल विस्तार का दबाव भी, लेकिन क्या योगी आसानी से मंत्रिमंडल विस्तार की हामी भर देंगे, ये बड़ा सवाल है!..
ओमप्रकाश राजभर की राह आसान नहीं… माना जा रहा है कि अगर अब मंत्रिमंडल विस्तार हुआ तो फिर यह योगी आदित्यनाथ इच्छा का मंत्रिमंडल होगा यानी मुख्यमंत्री अपने कई विश्वास पात्र चेहरों को मंत्रिमंडल में रखना चाहेंगे… ऐसे में अब नजरें इस बात पर टिकी हैं कि दिल्ली और लखनऊ के बीच मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर बनाया भ्रम दूर कब होता है…हालांकि एक और तर्क है… बीजेपी संगठन इस वक्त ओपी राजभर की नाराजगी को मोल लेने के मूड में नहीं है… क्योंकि अगर राजभर को मंत्री नहीं बनाया गया तो बीजेपी के खिलाफ धारणा बनेगी… ये माना जा रहा है कि 2024 लोकसभा चुनाव को देखते हुए सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को योगी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में जगह मिल सकती है…भले ही ओपी राजभर अपने लिट्मस टेस्ट में खरे नहीं उतर पाए हैं… सुभासपा मुखिया ओपी राजभर ने घोसी उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवार के 50 हजार वोटों के अंतर से जीत का दावा किया था, लेकिन दारा सिंह चौहान 42 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से हारे… इसके बावजूद ओपी राजभर योगी सरकार में मंत्री बनाए जाने को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त है… वहीं, बीजेपी भी उपचुनाव के नतीजों को नजरअंदाज कर लोकसभा चुनाव को देखते हुए सुभासपा मुखिया ओपी राजभर को मंत्रिमंडल में जगह दे सकती है…साथ ही चर्चा ये भी है कि योगी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में समाजवादी पार्टी छोड़कर आए दारा सिंह चौहान को भी शामिल कर सकती है…लेकिन ये सब डिपेंड सीएम योगी के मूड पर है…