पूर्वांचल के बाहुबली और पूर्व सांसद धनंजय सिंह एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं । धनंजय सिंह पर जल निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर को अपहरण एवं धमकी देने का आरोप लगा है । जिसके बाद जौनपुर संसदीय सीट से सांसद रहे बाहुबली धनंजय सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है । फिलहाल कोर्ट ने धनंजय सिंह को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है ।

धनंजय सिंह की क्यों गिरफ्तारी हुई ?

पूर्वांचल के बाहुबली धनंजय सिंह ने गिरफ्तारी की कार्रवाई एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक से रंगदारी मांगने के मामले में की गई है । पूर्व सांसद पर कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक ने अपहरण और जान से मारने की धमकी देने का भी आरोप लगाया था ।यह कंस्ट्रक्शन कंपनी मुजफ्फरनगर की है ।

14 दिन की न्यायिक हिरासत पर भेजे गए

जानकारी के मुताबिक जौनपुर पुलिस की एक टीम ने रविवार की रात धनंजय सिंह के जौनपुर स्थित आवास पर छापेमारी की ।पुलिस टीम ने आवास से पूर्व सांसद के साथ ही विक्रम सिंह को भी गिरफ्तार किया है । पुलिस ने थाने में ही मेडिकल परीक्षण के बाद धनंजय सिंह को कोर्ट में पेश किया ।

कोर्ट ने पूर्व सांसद को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया । बताया जाता है कि एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक अभिनव सिंघल ने पूर्व सांसद के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी ।

कैसे फंसे धनंजय ?

बताया जाता है कि कंपनी के पास लगभग 300 करोड़ की लागत से जिले में सीवर लाइन बिछाने का टेंडर है । कंपनी के मालिक की ओर से ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद हरकत में आए पुलिस महकमे ने पूर्व सांसद के आवास पर छापेमारी कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया । छापेमारी के लिए आधा दर्जन थानों की फोर्स लगाई गई थी।

धनंजय की बात सुनिए

27 साल की उम्र में चुने गए थे विधायक

बता दें कि 27 साल की उम्र में साल 2002 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विधानसभा पहुंच सबको चौंका देने वाले धनंजय 2007 में जदयू के टिकट पर विधायक चुने गए थे । वो बाद में बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए थे. बसपा के टिकट पर 2009 का लोकसभा चुनाव लड़ा और धनंजय ने जीत दर्ज कर संसद में जौनपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व भी किया ।