- ऑड-ईवन विरोध पर बंटी BJP
- दिल्ली ऑड-ईवन स्कीम के विरोध पर बंटी BJP
- विजय गोयल ने SUV से किया ऑड-ईवन का उल्लंघन
- मनोज तिवारी ने कहा ये पार्टी लाइन नहीं उनका निजी तरीका
- पार्टी के कई वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री भी खुश नहीं
प्रदूषण और ट्रैफिक की समस्या के लड़ने के लिए दिल्ली सरकार के ऑड इवेन फार्मूले का बीजेपी ने विरोध तो किया लेकिन इसको लेकर अब पार्टी के अंदर ही एकता नजर नहीं आ रही… भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता विजय गोयल के विरोध करने के तरीके को पार्टी लाईन से अलग करार दिया है… दिल्ली में जारी ऑड इवेन फार्मूले का बीजेपी विरोध कर रही है .. लेकिन इसके विरोध के तरीके को लेकर पार्टी क अंदर मतभेद सामने आए हैं… दिल्ली बीजेपी के वरिष्ट नेता विजय गोयल और राज्यसभा सांसद विजय गोयल ने जिस तरह अपनी एसयूवी गाड़ी से इसका विरोध किया वो पार्टी अध्यक्ष मनोज तिवारी को नहीं भाया.. विजय गोयल ने आईटीओ तक इस नियम का विरोध किया .. लेकिन दिल्ली बीजेपी ने उनके तरीके से खुद को अलग कर लिया है .. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कह कि जिस तरह इसका विरोध हुआ ये आधिकारिक तौर पर पार्टी की लाइन नहीं थी
ये उनके निजी विरोध का तरीका था.. लेकिन तिवारी ने कहा कि पार्टी ऑड इवेन का विरोध कर रही है .. तिवारी ने कहा कि इससे कहीं बेहतर होगा कि दिल्ली के पब्लिक ट्रांपोर्ट में सुधार किया जाए.. लेकिन पार्टी के अंदर से भी बात यही सामने आई है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता भी ऑड इवेन के विरोध को लेकर बंटे हुए हैं .. इस मुद्दे पर पार्टी किस तरह बंटी हुई है इसका अंदाजा ऐसे लगाय जा सकता है कि जब विजय गोयल ने ऑड इवेन के विरोध में एसयूवी चलाई तब उनके साथ बीजेपी के राष्ट्रय उपाध्यक्ष और दिल्ली प्रभारी श्याम जाजू भी सवार थे ..यानी उनको विजय गोयल को समर्थन था .. लेकिन कई भाजपा के कई वरिष्ट नेताओं सहित केंद्रीय मंत्री इस तरीके से नाराज नजर आए.. गोयल के इस तरह ऑड इवने का उल्लंघन करने पर उनका 4 हजार रूपए का चालान भी किया गया .. अपने इस तरीक पर विजय गोयल ने भी प्रतिक्रिया दी है उंहोने कहा कि एक नागरिक के तौर पर मैंने ऑड ईवेन का विरोध काय है .. मेरे स्टैंड को सुप्रीम कोर्ट ने भी दोषमुक्त माना है .. सुप्रीम कोर्ट ने इस योजना के पीछे दिए गए तर्क पर सवाल उठाया था .. मनोज तिवारी ने कहा कि हम ऑड इवेन का विरोध जारी रखेंगे .. उंहोंने आंकड़े देकर बताया कि 2011 में छ हजार से ज्यादा डीटीसी बसों की सख्या अब घटकर 3500 रह गई है .. दिल्ली में प्रदूषम के बढ़ते स्तर पर दिल्ली सरकार पराली जलाने को कारण मनती है जबकि की ऐजेंसियों का मानना कि इसक लिए स्थानीय कारण ज्यादा जिम्मेदार हैं .. इसलिए मनोज तिवार ने कहा कि ऑड इवने से कहीं बेहतर है कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट सुधारा जाए . .लेकिन वहीं जिस तरह मनोज गोयल ने ऑड इवने का विरोध किया वो उसके भी खिलाफ है