AZAM KHAN

यूपी में उप चुनाव को लेकर चुनाव प्रचार खत्म होने से ठीक पहले सपा सासंद आजम खान अपनी अंतिम चुनावी रैली में आंसुओं की तुलना करते नजर आए… उंहोंने जनता को बताया कि आंसुओं आंसुओं में भी फर्क होता.. उन्होंने पूरे जोशो खरोश से बताया कि आजम के आंसुओं का क्या मोल है. उनका क्या मतलब होता है… वो आंसुओं का जिक्र करक फिर जया प्रदा को ही निशान पर ले रहे थे क्योंकि वो भी एक दिन पहले हुए चुनावी सभा मे भावुक हो गईं थी और उनके आंसू निकल आए थे… तो आजम ने कहां कि जब आंसू अदाकारी यानी एक्टिंग के लिए निकलते हैं तो पैसा मिलता है और जब आंसू वफादारी क निकलते हैं तो गम मिलता है।

आजम खान ने सुप्रीम कोर्ट की उस टिप्पणी का भी जिक्र किया जिसमें यूपी में जंगलराज कहा गया है.. आजम ने कहा कि लोकतंत्र में अगर इंसाफ जिंदा तो वो अदालतों में बैठे जजों की वजह से ही है… उन्होंने ये भी कहा कि मैं कोई टिप्पणी नहीं कर रहा हूं लेकिन जब इसी यूपी में मेरा जैसा किताब चोर बकरी चोर और भैंस चोर जैसा मुजरिम पकड़ा गया तो फिर यहां जंगलराज कहां है।