ये विरोध… ये प्रदर्शन… ये नारेबाजी…ये तोड़फोड़… ये उन्माद… ये उपद्रव… ये सोच का तांडव… हिंदू समाज के ह्रदय सम्राट बनने के आतुर कमलेश तिवारी के लिए है… जो अब नहीं रहे… काल के गाल में समा गए… उनकी घर में घुसकर हत्या कर दी गई…. जो, कमलेश को अपने खौफनाक मंसूबे का शिकार बनाने के लिए आए थे… उन्होंने घर में एंट्री इस तरह से की…. कि सबको लग रहा है… उन्हें कमलेश जानते थे… वो कमलेश के परिचित थे… बकायदा वो हत्यारे कमलेश के साथ बैठे…पहले चाय पी…. मिठाई के डिब्बे में बंद पिस्टल निकाली… चाकू निकाला…. गोली मारने वाले ने कहा मुझे माफ करना… फिर गोली मार दी….दूसरे ने चाकू से गला रेत दिया… और फरार हो गए…. अब घर में मातम है… आंखों में आसूओं का सैलाब है

कमलेश के यूं ही चले जाने पर पूरा परिवार गमगीन है…. पत्नी किरण तिवारी का रो-रोकर बुरा हाल… उस वक्त क्या हुआ… जब खूनी वारदात को अंजाम दिया गया… कमलेश के नौकर ने पूरी बात… दिल से दिल का हाल… निकालकर रख दिया। अब मामला पुलिस के पास है… पुलिस तफ्शील से तफ्शीस कर रही है…. हत्या की गुत्थी को एक एककर सुलझा जुट चुकी है…

पुलिस भले ही ये कहे कमलेश की हत्या उसके ही परिचतों ने ही की है…. कमलेश हत्यारों को जानता था… लेकिन सियासत को अपनी विचारधारा मिल गई है… हिंदूओं के कथित स्वंभू सड़क पर आ गए… विरोध चरम पर है…. राजधानी डरी हुई है… सहमी हुई है… बेचैन है…. कही माहौल सांप्रदायिक ना हो जाए…