आखिर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ये क्यों कहा कि…. उनके लिए सीएम योगी आदित्यनाथ योगी नहीं हैं…. अगर अखिलेश के लिए सीएम योगी, योगी नहीं हैं तो क्या है… क्या वो सिर्फ अखिलेश के लिए आदित्यनाथ हैं… बड़ी बात है… सियासत के शतरंज की बिसात पर मोहरों की चाल जब रफ्तार पकड़ती है… जब दोनों ओर से एक-दूसरे पर अटैक तेज होता है… जब दोनों एक-दूसरे की योजनाओं को ध्वस्त करने की रणनीतियां बनाते हैं…. जब रणनीतियों की धारा की धार, मनमुताबिक विराधियों की ओर मोड़ी जाती है…. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव रामपुर की जनता को… सपा की बीजेपी और योगी सरकार के खिलाफ जंग में अपने साथ लाने केल लिए ऐसा ही कुछ कर रहे हैं… तभी तो 11 विधानसभा सीटों में से सिर्फ रामपुर की सीट को अपने प्रचार के लिए चुना है… राजनीति की ध्यान मुद्रा में आकर पूरा ध्यान लगा दिया…. रामपुर में अखिलेश ना सिर्फ आजम, तजीन, सपा बल्कि जनता के लिए कृष्ण बन गए हैं…. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधने के लिए गीता के सार को सबके सामने रख दिया… गीता में भगवान श्रीकृष्ण के उस उपदेश को कोट किया… संदर्भ में लिया… कृष्ण की योगी पर दी गई परिभाषा को स्मरण किया… और हू ब हू जनता के सामने रख दिया… बताया…कि वास्तव में योगी कौन है… योगी वहीं होते हैं…जिन्हें गरीबों के दुखों की परवाह होती है…. ये बात अखिलेश को शायद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में नहीं दिखी… इसलिए वो सीएम योगी को योगी नहीं मानते हैं

तो अखिलेश के लिए योगी गरीबों के दुश्मन हैं… इसलिए वो सीएम योगी को योगी नहीं मानते हैं…. अखिलेश रामपुर में पूरी तरह से आजम का साथ दे रहे हैं…. रामपुर रण को चुनौती की तरह ले रहे हैं… इसलिए तो भरी सभा में कह रहे हैं…. बीजेपी से लेकर योगी सरकार सबकी नजर रामपुर पर है… वो रामपुर पर कब्जा जमाने के लिए बेकरार है…. लेकिन अखिलेश इसे सबसे बड़ी चुनौती मानकर विरोधियों के मंसूबे पर ग्रहण लगाने के लिए तैयार है…. सीएम योगी को योगी ना मानकर आम विरोधियों की तरह ले रहे हैं…. जनता से बस यही कह रहे हैं…. बीजेपी को अपनी ताकत का एहसास कराए… सिर्फ सपा को वोट दे