कांग्रेस में इन दिनों हालात एक पुरानी हिंदी फिल्म के गाने की लाईन जैसी हो गई है .. और वो लाईन है जिसका डर था बेदर्दी वही बात हो गई .. डर था बगावत का और अब उसके स्पषट संकेत आने शुरू हो गए हैं .. प्रिंयका सक्रिय राजनीति में आईं तो नारा आया कि प्रियंका नहीं आंधी है ये दूसरी इंदिरा गांधी है .. लेकिन उंहीं इंदिरा के साथ रहे नेता अब बगावत का सुर अलापते नजर आ रहे हैं .. .. प्रिंयंका ने कांग्रेस में नई जान फूंकने के लिए एक नई टीम बनाई तो पुरानों को सिरे से हाशिए पर डाल दिया .. उनको सलाहकार रूपी मार्गदर्शक मंडल में डालकर उंहे साईड लाइन ही कर दिया .. यूपी में युवा विधायक अजय कुमार लल्लू को कमान सौप दी गई और उंहोंने भी अपने हिसाब से युवाओं को लेकर टीम बनानी शूर कर दी .. एक उम्र सीमी भी तय कर दी गई .. यानी 50 से ऊपर कोई नहीं होगी .. जब ये फैसल लिया गया तब भी पुराने कांग्रेसियों नेताओं ने प्रियंका को निशाने पर लेते हुए कहा था कि उंहे इतिहास पढ़ना चाहिए क्योंक देश को आजादी 50 से ऊपर वालो ने ही दिलाई थी

कुछ ने कहा था कि नए जोश के साथ पुरानों के तजुर्बे को भी सम्मान दिया जाना चाहिए ..अब इस क्रम में इंदिरा टीम के नेताओं ने बैठके करके रोष दिखाना शूरू कर दिया ह .. तो अब दादी और पोती में निष्टा रखने वालों के बीच गहरी खाई और भी गहरा होनी शुरू हो गई ह . स्वर्गीय इंदिरा गांधी की टीम में रहे कांग्रेसी अब अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं .. पिछले महीने पूर्व एमएलसी सिराज मेंहदी के घर पर 10-15 पुराने कार्यकर्ताओं की बैठक हुई। उसमें तय किया गया कि ऐसे प्रदेश भर के नेताओं के साथ बैठक की जाए, जो अब हाशिये पर डाल दिए गए हैं। लिहाजा, प्रदेश भर के असंतुष्ट वरिष्ठ कांग्रेसियों की बैठक गुरुवार को आजमगढ़ के पूर्व सांसद डॉ. संतोष सिंह के विश्वास खंड गोमती नगर वाले घर पर रखी गई है .. पूर्व विधायक भूधर नारायण मिश्र ने बताया कि इस बैठक में ऐसे करीब 50 कांग्रेसी शामिल हो रहे हैं, जो पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की टीम में रहे हैं.. 40-50 वर्ष से कांग्रेस का झंडा-बैनर उठाकर मेहनत कर रहे हैं… पूर्व विधायक का कहना है कि हम सभी प्रदेश कांग्रेस कमेटी के गठन से असंतुष्ट हैं, क्योंकि इसमें वरिष्ठ कार्यकर्ता किनारे कर दिए गए। इसके अलावा अब संगठन में हमारी कोई सलाह भी नहीं मानी जा रही है। उनका कहना है कि हमें पार्टी से कुछ चाहिए नहीं लेकिन, निरादर न हो। हम कांग्रेसी हैं और कांग्रेसी ही रहेंगे। पार्टी का भला चाहते हैं.. इस मीटिंग के बाद जो भी निर्णय लिया जाएगा उसे पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी तक भी पहुंचाय जाएगा