जब बागपत एएसपी Manish Mishra ने नेताजी को सुना दी गाली | देखिए…हाथ बांधकर गाली सुनते रहे नेताजी…
एएसपी साहब की गाली…और खूब आनंद आ रहा…नेताजी भी सुने पड़े हैं…और क्योंकि वर्दी वाले के सामने खड़े हैं…अब बोलेंगे भी तो क्या बोलेंगे…जब तक बोलेंगे राज ही राज खोलेंगे…क्योंकि आज कल के पुलिस अफसरों में सुपरकॉप बनने की बड़ी लालसा है…हर कोई सिंघम बनना चाहता है…हर पुलिसवाला इस समय दबंग बनना चाहता है….अगर कोई अधिकारी खाकी वर्दी में हो तो उसके सामने फिर क्या जनता है और क्या नेता है….सबका सम्मान सब किनारे और अगर साहब चाह दें तो किसी को भी गाली देकर किनारे बैठा दें…हम बात रहे हैं यूपी के एक ऐसे अफसर की…जिन्होंने निकाय चुनाव के दौरान अपने पद की गरिमा को दागदार कर दिया है….वो भूल बैठे की वो पुलिसवाले है…जनता काम है जनता के बीच तालमेल रखना…अपराध को रोकना…लेकिन भला जोश और रॉबिनहूड बनने की हवा जो लगी है…तो कहां ये बातें जहन में गूंजेगी….अगर सुनाई भी देंगी तो सिर्फ गालियां…सुपरकॉप बन रहे पुलिस अधिकारी ने शांति व्यवस्था कायम करने के चक्कर में आवेश में आकर खुद ही शांति व्यवस्था अस्त-व्यस्त कर डाली…खाकी पहने खड़े पुलिसकर्मियों और सिपाहियों के बीच में गालियों की बौछार कर दी…फिर भी रुके नहीं…और कई मिनट तक ये सिलसिला चलता रहा…हम बात कर रहे हैं…एएसपी मनीष मिश्रा की…जिनके पास गालियों की पूरी डिक्शनरी है…जैसे समुद्र का कोई थाह नहीं है…ठीक वैसे ही…एससपी साहब के गालियों की कोई गहराई नही है…जब शुरू होते हैं तो अंत भूल जाते हैं….पद भूल जाते हैं…अंजाम भूल जाते हैं….अगर आप सोच रहे होंगे कि…एएसपी साहब ने गालियां क्यों दीं…और पूरा मामला क्या है तो हम बताते हैं..आपको कहीं भी जाने की जरुरत नहीं है….जो माजरा हम बता रहे हैं वो किसी सड़कछाप आदमी की नहीं, बल्कि पुलिस के सीनियर ऑफिसर के बोल हैं…औऱ नेताजी सुन रहे हैं…
1995 में एक फिल्म आई थी…पुलिस वाला गुंडा…लेकिन फिल्में और खबरें देखने के बाद भी…सवाल उठने के बाद भी पुलिसवाले सुधरने को राजी नहीं हैं….यूपी की एनकाउंटर वाली पुलिस गालीबाज भी हो गई है….. एएसपी मनीष मिश्रा ने अपना आपा इस तरह खो बैठा कि…गालियों की सारी सीमाएं भी पार कर दीं…मौजूद सिपाही भी अचंभित हो गए…अचानक साबह को क्या हो गया…लेकिन भला एएसपी के आगे कौन बोल पाता…एक तो पद बड़ा और उपर से नाम…और काम ऐसा था जिसका वीडियो आप देख ही रहे हैं…लेकिन किसी कारण वश ही आवाज नहीं सुना सकते…नहीं तो पूरा का पूरा माजरा ही उलट पलट जाए….आप भी यकीन नहीं करेगे कि…योगी जी की पुलिस का ये भी रवैया होता है…पूरा मामला बागपत जिले का है….निकाय चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग चल रही थी…इस दौरान बागपत के स्मारक इंटर कॉलेज में हो रहे मतदान के बीच एएसपी मनीष मिश्रा भड़क गए…. पोलिंग एजेंट को फर्जी मतदान ना कराने की हिदायत दे रहे एएसपी साहब वहां मौजूद बड़ौत के चेयरमैन पद के प्रत्याशी पर ऐसा भड़के कि रौद्र रूप अपना बैठे….उन्होंने हाथ में माइक लेकर गालियों की बौछार ही कर डाली…ये पूरा माजरा कैमरे में कैद हो रहा था…लेकिन एएसपी साहब को न इसकी जानकारी थी…और न ही अपने इस रवैये की…क्योंकि लगातार एएसपी साहब बिफरे जा रहे थे…खाकी पहने खड़े पुलिसवालों और सिपाहियों के बीच में उन्होंने गालियों की बौछार करते हुए चेयरमैन को निकाल बाहर करवा दिया….लेकिन तब तक देर हो चुकी थी…क्योकि नेताजी तो सुन लिए लेकिन अब एएसपी साहब की सुनने की बारी है….लेकिन अभी तक किसी तरह की कोई कार्रवाई देखने को मिलने से रही…अगर गाली देने वाले आम इंसान