तेलंगाना में Akhilesh-kejriwal की 'गुप्त मीटिंग'| Modi को UP में हराने के लिए कह दी बड़ी बात...
तेलंगाना में Akhilesh-kejriwal की 'गुप्त मीटिंग'| Modi को UP में हराने के लिए कह दी बड़ी बात...

तेलंगाना में तीसरे मोर्चे का बिगुल बज गया…और 2023 में ही 2024 की हुंकार भी भर दी गई….दिल्ली की गद्दी पर बैठना है तो यूपी के रास्ते से होकर गुजरने वाली बात अब तेलंगाना से होकर दिल्ली पहुंचेंगी…क्योंकि अखिलेश यादव ने बीजेपी को हराने के लिए जो प्लान तैयार किया है…वो योगी को परेशान करने वाली है…अखिलेश यूपी में एक मोर्चा बनाकर 2022 के चुनाव में बीजेपी को कड़ी टक्कर दे भी चुके हैं…..अब लोकसभा चुनाव में टक्कर देने के लिए मिशन पर निकल पड़े हैं…एक तरफ जहां दिल्ली से तीन राज्यों, मेघायल, नगालैंड और त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो रहा था…तो दूसरी तरफ 2024 के लिए तेलंगाना में तीन पार्टियों ने मेगा रैली की…और मोदी के खिलाफ हुंकार भर दी…तेलंगाना में हुई रैली में 3 मुख्यमंत्री और एक पूर्व मुख्यमंत्री ने मंच और एकता को मजबूती दी…और इससे साफ हो गया कि…2024 के चुनाव में वो सब दिखेगा जो सियासत के जादूगरों ने भी नहीं देखा होगा….राजनीति में मेल मिलाप की कहानियां बहुत हैं लेकिन अब सियासत में सच होने वाली कहानी सुनने और देखने का समय आ गया है…लंबे वक्त से विपक्ष मोदी सरकार को हटाने के लिए प्लानिंग करता रहा…लेकिन दोबारा भी मोदी की ही सरकार बनी…अखिलेश यादव ने बीजेपी को पस्त करने के लिए कभी हाथ तो कही हाथी की सवारी की….लेकिन नतीजा फिर भी बीजेपी के पक्ष में रहा…समय के बदलते चक्र में अखिलेश यादव ने अपनी सियासी चाल को नई हवा दी है…और दिल्ली को छोड़ दिल्ली के लिए तेलंगाना का रुख किया है…पिछली चुनावों में जो एकजुटता का मंच था वो नहीं होगा…अब जो भी होगा नई रणनीति और नई नीति के साथ होगा…तीसरे मोर्च की सुगबुगाहट अब अपने परवान पर आने वाली है…लंबे समय से देश की सियासत में तीसरे मोर्चे की कवायद तो हुई लेकिन जमीन पर नहीं उतरा…जमीनी सियासत की कमी कहें या फिर जहोद्दत..सभी पार्टियों ने भरपूर कोशिश की लेकिन कामयाबी हाथ नहीं लगी…और केंद्र में मोदी की सरकार आज भी बरकरार है…

2024 में दिल्ली की दंगल को लेकर सभी पार्टियों ने दांव अजमाने शुरू कर दिए हैं…..बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के एक दिन बाद तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव ने विपक्षी पार्टियों की मेगा रैली आयोजित की…इस रैली में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव भी पहुंचे…साथ ही पंजाब के सीएम भगवंत मान भी मंच पर मौजूद रहे….कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल नहीं होने वाले अखिलेश यादव के हैदराबाद जाने को लेकर सियासी सरगर्मी तेज हो गई है…. अखिलेश यादव पहले भी केसीआर, शरद पवार और ममता बनर्जी को प्रधानमंत्री का उम्मदीवार बता चुके हैं…तेलंगाना के सीएम केसीआर को भी पता है कि…पंजाब के साथ साथ खास तौर पर यूपी में अगर बीजेपी को हरा दिया गया तो दिल्ली से मोदी सरकार का हटना तय है…इसी रणनीति के तहत केसीआर ने पहले तो अखिलेश यादव को साथ लिया…और फिर अपनी पार्टी का नाम बदलकर राष्ट्रीय पार्टी बनाने की ओर कदम बढ़ा दिया….खास बात ये है कि…इस प्लानिंग में अब केजरीवाल भी साथ देने जा रहे हैं…मतलब साफ है आने वाले दिनों में दिल्ली की सत्ता के लिए कुछ नया देखने को जरुर मिलेगा….

केसीआर की पार्टी भारतीय राष्ट्र समिति का आधार वोट तेलंगाना में है…. केसीआर अलग तेलंगाना की मांग को लेकर राजनीति की ऊंचाईयों पर पहुंचे हैं….. चुनाव आयोग की ओर से केसीआर को एम्बेसडर कार चुनाव चिह्न मिला है….कांग्रेस ने 30 जनवरी को 16 विपक्षी पार्टियों को राहुल की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने का न्यौता दिया है. हालांकि केसीआर, अरविंद केजरीवाल और असदुद्दीन ओवैसी को आमंत्रण नहीं भेजा गया है….अखिलेश केसीआर की रैली में जाकर कांग्रेस की विपक्षी एकता की हवा निकालने की कोशिश में है….अखिलेश कई दफा कांग्रेस और बीजेपी के अलावा थर्ड फ्रंट की वकालत कर चुके हैं…