निकाय चुनाव में अखिलेश यादव की जीत पक्की ! इस बार की रणनीति से नहीं चूक पाएंगे अखिलेश
अखिलेश चाचा शिवपाल से मिले…बीजेपी का दिल मचले !
अखिलेश यादव का पैंतरा…बीजेपी कूनबा डरा !
निकाय चुनाव का रिजल्ट तय…बीजेपी खेमे में भय !
अखिलेश का चुनावी गेम…सेट है पूरी सियासी फ्रेम !
उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर के कल आचार संहिता देर शाम लागू की गई थी जिसके बाद से पूरे प्रदेश के अधिकारी अलर्ट मूड पर हैं बांदा जनपद में भी अधिकारी एलर्ट नजर आ रहे हैं कल देर शाम से लगातार जनपद में लगी जनप्रतिनिधियों की होल्डिंग बैनर को हटाया जा रहा है आज ही जनपद के कई क्षेत्रों में नगर पालिका के द्वारा पोस्टर बैनर हटाए गए हैं शहर कोतवाली के अलीनगंज मे लगी भाजपा विधायक सदर प्रकाश दुवेदी सहित कई दलों राजनीति पार्टियों के पोस्टर बैनर हटाए गए नियम अनुसार आचार्य सहिता लगने के 24 घँटे के अंदर किसी भी दशा मे किसी भी राजनैतिक पार्टियों के पोस्टर बैनर सार्वजिनक स्थान शहर गाव और गलियों मे नही लगे होने चाहिए!–यूपी की सियासत में मची घमासान अब आग उगलेगी…लंबे समय से सिर्फ वार पलटवार का दौर खत्म हो गया है…अब होने जा रहा है तो असली दंगल…क्योंकि यूपी में चुनावी बिसात बिछ चुकी है…एक बार फिर बीजेपी और सपा में मुकाबला होने जा रहा है….सामने 2024 का लोकसभा चुनाव है..ऐसे में अखिलेश यादव कोई भी कोर कसर निकाय चुनाव में नहीं छोड़ना चाहते हैं….अखिलेश यादव जानते हैं कि…इस बार अगर चूके तो लोकसभा चुनाव में खड़े होना चुनौती बन जाएगा….शायद इसिलिए नगर निकाय के चुनाव में अखिलेश यादव ने पूरी प्लानिंग के साथ रणनीति को बनाया है….बीजेपी को पटखनी देने के लिए इस समय अखिलेश के बाद ब्राहस्त्र के अलावा एक और हथियार है…ऐसे में नगर निकाय चुनाव की रणभेरी बजी है जो 2024 का सेमिफाइनल है,.,..इसलिए अखिलेश यादव नगर निकाय के चुनाव में ब्राह्मास्त्र तो छोड़ेंगे नहीं…तो जीत का दूसरा हथियार अब काम आने वाला है…इस बार के चुनाव में सपा-बीजेपी में सीधी टक्कर होने जा रही है….सरकार बीजेपी की है तो हावी रहना लाजमी है…ऐसे में सरकार से भी अखिलेश को ही निपटना है…अखिलेश कैसे निपटेंगे इस फॉर्मूले को भी बना लिया गया है…. समाजवादी पार्टी वर्ष 2024 के लोक सभा चुनाव से पहले हो रहे नगरीय निकाय चुनाव के जरिए बड़े शहरों में भी पैठ बनाएगी…निकाय चुनाव में अच्छा प्रदर्शन कर सपा लोक सभा चुनाव के लिए माहौल तैयार करेगी…. इसलिए सपा अध्यक्ष अखिलेश कोई कोर-कसर छोड़ना नहीं चाहते हैं…. शहरों में बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत कर लोक सभा चुनाव के लिए सियासी जमीन तैयार कर रहे हैं….अगर यहां से सपा को जीत मिलती है तो लोकसभा चुनाव में ताकत किसी टॉनिक से कम नहीं होगी..शायद इसिलिए अखिलेश यादव ने शहर से मजबूत करने की शुरुआत की है…और गांवों से मजबूत करने के लिए मायावती के कोर वोटबैंक पर कांशीराम की मूर्ति से वार करने वाले हैं…
क्या है सपा की रणनीति ?
वीओ2- साल 2017 में नगर निगमों के मेयर पद पर खाता न खोल पाने वाली सपा इस बार मेयर पद के लिए भी मेहनत कर रही है…हर नगर निगम के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को पर्यवेक्षक बनाया गया है….. सपा नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में अपने पिछले प्रदर्शन से और बेहतर करने की रणनीति बना रही है….. पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि निकाय चुनाव में अच्छे प्रदर्शन से कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ेगा और इसका असर लोक सभा चुनाव में भी पड़ेगा…निकाय चुनाव को सेमीफाइनल मानते हुए पार्टी इसके जरिए शहरों में भी अपना संगठन मजबूती से खड़ा कर लेगी…साल 2017 में 16 नगर निगमों के चुनाव हुए थे….उसमें मेयर के 14 पदों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी….जबकि दो सीटें बसपा के खाते में गईं थीं…सपा बीजेपी के इस दबदबे को कम करने की कोशिश करेगी…..आक्रामक तरीके से प्रदेश सरकार को घेरने के साथ ही उसकी नाकामियां जनता के सामने रखेगी….जनता की स्थानीय समस्याओं और उनकी तकलीफों को पार्टी प्रमुखता से उठाएगी….. परंपरागत मुस्लिम-यादव समीकरण में दलितों को जोड़ने की कोशिश कर रही है…
मोदी को हराने में चाचा-भतीजे का फॉर्मूला करेगा काम ?
ये चुनाव भले ही शहर की हो…लेकिन जीत बड़ी होगी…असर लोकसभा चुनाव में भी होगा…सपा कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए अखिलेश यादव ने इस फॉर्मूले को लाया है कि…नगर निकाय के चुनाव में जीत हासिल करना है.,..ये जीत इसलिए भी जरुरी है..क्योंकि मैनपुरी का उपचुनाव एक उदाहरण है…उस जीत के बाद सपा का जो माहौल बना था….अगर उस समय चुनाव होते तो नगर निगम के लिए सपा को इतनी मेहनत भी नहीं करनी पड़ती….क्योंकि चाचा-भतीजे के मिलन ने ही रास्ता साफ कर दिया था….खैर अभी भी देर नहीं थोड़े हुआ है….सपा का जोश अभी भी हाई है….इसिलिए अखिलेश यादव दो स्तर से मैदान में उतर चुके हैं…मायावती के वोटबैंक को लाने के लिए कांशीराम का सहारा….शहर में पकड़ बनाने के लिए बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाना…ये दोनों अखिलेश यादव की रणनीति का हिस्सा है…. बड़ी संख्या में युवाओं को पार्टी से जोड़ने के लिए भी सपा मुखिया ने प्लान बनाया है….सपा के नेता और कार्यकर्ता युवाओं से जुड़े हर मुद्दे को सड़क से लेकर विधानसभा और संसद तक उठाएंगे…. बेरोजगारी, फीस बढ़ोतरी समेत तमाम मुद्दों पर युवाओं को अपने साथ लाकर बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश शुरू कर दी है…