- फडणवीस का इस्तीफा
- फ्लोर टेस्ट से पहले ही सीएम फडणवीस का इस्तीफा
- प्रेस कांफ्रेंस करके दी इस्तीफे की जानकारी
- डिप्टी सीएम अजीत पवार ने दिन में ही दिया इस्तीफा
- सोनिया के नत्मस्तक हुआ शिवसेना का हिंदुत्व
पूरे सियासी जोड़ तोड़ के बावजूद महाराष्ट्र में देवेंद फडणवीस की सरकार आखिरकरा तीन दिन में ही गई.. तेजी से बदलते घटनाक्रम में आज बहुमत साबित करने से पहले महाराष्ट्र में सीएम पद की शपथ लेने वाले देवेंदर फडणवीस ने इस्तीफा दे दिया .. उनके साथ समर्थन की बात करने वाले एनसीपी नेता अजीत पवार ने आज दिन में ही इस्तीफा दे दिया था तभी से देवेंद्र फडणवीस को लेकर भी अटकले लगाई जा रही थी .. तब देवेंद्र फडणवीस ने शाम 3.30 बज प्रेस कांफ्रेस करने की घोषणा कर दी तो ये लगने लगा कि वो इस्तीफा दे देंग .. ऐसा ही हुआ देवेंद्र फडववी से इस्तीफा दे दिया है .. अपने इस्तीफे की घोषणा करने से पहले उंहोंन कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने उंहे और शिवसेना को जनादेश दिया था लेकिन उसमें हमे भागीदारी ज्यादा दी थी .. जब बीजेपी को धमकी मिली तो हम किसी के साथ भी जा सकते हैं। शिवसेना हमसे चर्चा करने की जगह एनसीपी से चर्चा की। जो लोग मातोश्री से बाहर नहीं जाते थे वो बाहर जाकर चर्चा करने लगे..फडणवीस ने कहा कि शिवसेना राज्यपाल के पास सरकार बनाने की बात कहकर आई लेकिन सरकार नहीं बना पाई .. जिनके विचार नहीं मिलते वो साथ आने की बात करत रहे .. शिवसेना का हिंदुत्व सोनाय गांधी के नतमस्तक होगया.. जब हमें अजीत पवार का साथ मिला तब ही हमने सरकार बनाने की पेशकश की क्योंकि तभी हमार पास संख्य बल हुआ था .. गौरतलब है दोपहर के समय ही एनसीपी विधानमंडल दले के नेता अजीत पवार ने इस्तीफे की घोषणा कर दी थी .. इस पर भी देवेंद्र फडणवी ने कहा कि उंहोंने मुझे अपना इस्तीफा सौंप दिया था . .उंहोंने मुझसे कहा कि अब हमारे पास बहुमत नही है..इसलिए मैं इस्ताफा दे रहा हूं .. बीते शनवार को ही दोनों नेताओं ने सभी को चौंकाते हुए सीएम और डेप्युटी सीएम की शपथ ली थी। तब देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि अजित पवार ने एनसीपी विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपा है और उनके पास बहुमत है.. हालांकि कुछ देर बाद ही एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने कहा कि यह अजित पवार का निजी फैसला है और पार्टी इससे सहमत नहीं है। इसके बाद उन्होंने ऐसा दबाव बनाया कि सरकार तीन दिन भी नहीं चल सकी.. अजीत पवार के बार में कहा जा रहा है कि वो जबर्दस्त पारिवारिक दबाव से पीछे हट गए और वैसे भी जिस तरह कल विपक्ष के 162 विधायोकं ने एकजुटता दिखाई इससे लगने लगा था कि देवेदंर् और अजीत के लिए बहुतम साबित करना आसान नहीं होगा ..वहीं आज सुबुह सुप्रीम कोर्ट ने कह दिय की फ्लोर टेस्ट 27 नवंबर को करो तब फिर संख्या बल न होने की दशा को भापते हे पहले अजीत पवार और फिर देवेंद्र फडणवी ने इस्तीफा दे दिया ..