पेशावर, 2 मार्च (आईएएनएस)। पाकिस्तान में सत्तारूढ़ इमरान सरकार के खिलाफ लगातार मोर्चा खोले रहने वाले जमीयत उलेमाए इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुररहमान की जान को पुलिस ने गंभीर खतरा बताया है और उनसे अपनी सक्रियता घटाने को कहा है।

पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि डेरा इस्माइल खान इलाके की पुलिस ने यह जानकारी देते हुए मौलाना फजल के लिए एडवाइजरी नोटिस जारी किया गया है। इसमें फजल से कहा गया है कि वह अपनी सक्रियता का दायरा कम करते हुए खुद के लिए और अपने घर के लिए सुरक्षा का इंतजाम करें।

नोटिस में कहा गया है कि मौलाना फजल आतंकवादियों के निशाने पर हैं। उनकी जान को गंभीर खतरा है। इसलिए वह अपनी गतिविधियां कम कर दें और जिस गतिविधि में शामिल होने जा रहे हों, उसके बारे में पहले से जानकारी न दें।

नोटिस में मौलान फजल से कहा गया है कि वह अपनी और अपने घरों की सुरक्षा के लिए निजी सिक्योरिटी का भी इंतजाम करें। घरों के कमरों में सीसीटीवी लगवाएं।

मौलाना फजल पर अतीत में आतंकवादियों के हमले हो चुके हैं।

जेयूआई-एफ ने एक बयान जारी कर कहा है कि सरकार की तरफ से सुरक्षा संबंधी नोटिस मिला है। पार्टी ने कहा कि एक तरफ सरकार खुद मान रही है कि फजल की जान को खतरा है और दूसरी तरफ उनकी सिक्योरिटी हटा भी दी गई है।

इस बीच, मौलाना फजल ने राजधानी इस्लामाबाद में संविधान सुरक्षा सम्मेलन में कहा कि पाकिस्तान के पास संविधान तो है लेकिन यह स्वतंत्र और जिंदा नहीं है। उन्होंने कहा कि संविधान पाकिस्तान को एक इस्लामी रियासत बताता है जबकि पाकिस्तान इस्लामी रियासत नहीं बन सका है। संविधान अगर लोकतांत्रिक है तो आज तक देश में लोकतंत्र नहीं आ सका है।

उन्होंने कहा कि अगर संविधान पर ठीक से अमल किया गया होता, तो आज कई तरह की जो समस्याएं हैं, वे नहीं होतीं।

–आईएएनएस