लोगों का पर्चा निकालकर भविष्य देखने वाले धीरेंद्र शास्त्री शायद अपना पर्चा निकाल लेते तो मुश्किल में न पड़ते,,,,

बाबा ने तो फिर क्या बवाल…महंगा पड़ गया साईं पर सवाल
धीरेंद्र शास्त्री की मुसीबतें हजार…कैसे करेंगे दूसरे का उद्घार ?
बाबा के बयान पर छिड़ा संग्राम…बैकफुट पर आना शास्त्री का काम !
साईं और शास्त्री में कितना फर्क…कैसे कैसे देते हैं तर्क !

लोगों का पर्चा निकालकर भविष्य देखने वाले धीरेंद्र शास्त्री शायद अपना पर्चा निकाल लेते तो मुश्किल में न पड़ते,,,,बाबा ने सब पढ़ लिया…लेकिन अपना मन नहीं पढ़ पाए….और अब तो ऐसा हो गया है कि,,,,बाबा बागेश्वर बड़ी मुसीबत में फंसे हैं…न राहत की उम्मीद दिख रही है और नहीं किसी मदद की आस…बाबा का चमत्कार भी फेल हो गया है…लगता है बाबा जी बड़े बड़बोले हैँ जो मन में आता हैँ कह देते हैँ लेकिन बाबा को ये नहीं पता की उनका बयान उनके लिए मुसीबत लेकर आने वाला है अपने मुस्लिम पर सवाल उठाया तो विरोध हुआ, अपने विरोधियों को चुनौती दी चलो ठीक है लेकिन अबकी बार ऐसा क्या कर गए की दोबारा से माफीनामा का पाठ बाबा बागेश्वर को पढ़ना पड़ा… महाराष्ट्र से बाबा बागेश्वर की पुरानी दुश्मनी लगती है या फिर धीरेन्द्र शास्त्री किसी खास मिशन पर निकले हैँ क्योंकि जो भी बवाल करते हैँ वो अक्सर महाराष्ट्र से ही करते हैँ बाबा के इस फॉर्मूले की तहकीकात करने पर कई राज का फर्दाफाश हुआ है क्योंकि लगातार कोई टारगेट करे तो इसके पीछे कोई न कोई मंशा होती है अब चाहे कोई बाबा हो या फिर दूसरा… साईं बाबा पर धीरेन्द्र शास्त्री का निशाने ने दो जो मुसीबत लाइ है वो किसी संकट से कम नहीं है…ऐसे में अब बागेश्वर धाम सरकार के पास एक ही रास्ता है कि वो मांफी मांग ले….जिसकी शुरुआत भी हो चुकी है….कुछ महीने पहले की बात याद करें तो धीरेंद्र शास्त्री की एक कथा का आयोजन नागपुर में था…जहां से बाबा को चैलेंज दिया गया था,,,लेकिन राज्य था महाराष्ट्र,,,अब एक बार फिर से बाबा बागेश्वर धाम सरकार वहीं से अपनी मुसीबत खड़ी कर चुके हैं,,,,पिछली बार मामला था चमत्कार का,,,और इस बार मामला है साईं बाबा के चमत्कार पर सवाल का…लिहाजा खुद पर संकट मंडराता देख जैसे चिड़ियां अपने अंडे को छोड़ घोसला छोड़ देती है…ठीक वैसे ही बाबा ने जब अपने उपर मुसीबत आता देखा तो बैकफुट पर आ गए,,,,तो चलिए एक एक कर शुरुआत करते हैं…बाबा के मुसीबतों की,,,

साईं बाबा पर सवाल के बाद बैकफुट पर शास्त्री

शिरणी के साईं बाबा पर धीरेंद्र शास्त्री ने सवाल उठाया और एक बार फिर से महाराष्ट्र की आग जल उठी…ये आग पहले भी लग चुकी थी तो बुझी नहीं थी,,,ऐसे में साईं बाबा पर सवाल ने जनता के बीच आक्रोश की आग में मानों घी डालने का काम किया है….बाबा बागेश्वर के खिलाफ महाराष्ट्र की पूरी जनता लामबंद हो गई है…सड़कों पर पोस्टर लेकर लोग उतरे हैं….कहीं कहीं तो धीरेंद्र शास्त्री के पोस्टर को जला भी रहे हैं…इन सब के बावजूद लोग शांत नहीं दिखे तो धीरेंद्र शास्त्री को सामने आना पड़ा..धीरेंद्र शास्त्री को महाराष्ट्र की जनता के सामने घुटने टेंकने पड़े…क्योंकि वो विरोध अब धीरे धीरे बढ़ता ही जा रहा है,,,,धीरेंद्र शास्त्री ने महाराष्ट्र की जनता से अपील की है,,,कि…उनका मकसद किसी का भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था…अगर किसी को उनके बयान से तकलीफ हुई है तो वो मांफी मांगते हैं….बाबा ने अपने पेज पर माफीनामा भी शेयर किया है,,,और लिखा है…

मेरा हमेशा संतों के प्रति महापुरुषों के प्रति सम्मान है और रहेगा. मैंने कोई एक कहावत
बोली जो हम अपने संदर्भ में बोल रहे थे कि अगर हम छतरी पीछे लगाकर कहें कि हम
शंकराचार्य हैं तो ये कैसे हो सकता है… हमारे शंकराचार्य ने जो कहा वो हमने दोहराया
कि साईं बाबा संत फ़क़ीर हो सकते हैं और उन में लोगों की निजी आस्था है. अगर कोई
व्यक्ति किसी संत गुरु को निजी आस्था से भगवान मानता है वह उसकी निजी आस्था है,
हमारा इसमें कोई विरोध नहीं… हमारे किसी शब्द से किसी के हृदय को ठेस पहुंची,
उसका हमें दिल की गहराइयों से दुख है और खेद है
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अब सवाल है कि,,,आखिर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराष्ट्र को लेकर इतने बवाल में क्यों रहते हैं…क्या चर्चा में रहने के लिए बाबा ऐसी लीला करते हैं,…या फिर साईं सच में भगवान नहीं थे,,,,.ये तमाम सवालों के जवाब अलग अलग हो सकते हैं,,,लेकिन हर धर्म का सम्मान भारत में होना चाहिए,,,,आपकी राय क्या है,,,हमे जरुर बताएं…..