कानपुर देहात में साधु शोभन सरकार का निधन हो गया । शोभन सरकार वहीं है जिनके सपने के आधार पर उन्नाव के ढौंडिया खेड़ा में ASI की टीम खजाने की खोज में जुटी थी । शोभन सरकार के निधन से उनके भक्तों में शोक की लहर है । कानपुर देहात के शिवली कोतवाली क्षेत्र के बैरी में बने उनके आश्रम में अंतिम दर्शन के लिए भक्त पहुंच रहे हैं ।
आपको बता दें कि शोभन सरकार ने दावा किया था कि उन्हें सपने में फतेहपुर के रीवा नरेश के किले में शिव चबूतरे के पास 1000 टन सोने के दबे होने का पता चला है । इसके बाद ही साधु शोभन सरकार ने सरकार से सोना निकलवाने की बात कही थी । हालात तब हास्यास्पद हो गए जब सरकार ने उनके सपने को सच मानते हुए खजाने को खोजने के लिए खुदाई भी शुरू करवा दी । हालांकि कई दिनों तक चली खुदाई के बाद भी खजाना नहीं मिला ।
गौरतलब है कि यह सोने का खजाना ढौंडिया खेडा स्टेट के पच्चीसवें शासक राजा राव राम बक्श सिंह के किले के अवशेष में दबा बताया गया था । जिन्होंने 1857 के दौरान ब्रिटिश शासनकाल के साथ लड़कर उसके छक्के छुड़ा दिये थे और बाद में उन्हें एक पेड़ से लटका कर फांसी दे दी गयी थी।
आपको बता दें साधु शोभन सरकार के सपने के आधार पर खजाने की खोज पर केंद्र और प्रदेश सरकार की खूब किरकिरी भी हुई थी ।वहीं खजाने के कई दावेदार भी सामने आ गए थे । राजा के वंशज ने भी उन्नाव में डेरा जमा दिया था । वहीं ग्रामीणों ने भी उस पर दावा किया था जिसके बाद तत्कालीन केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया था कि खजाने पर सिर्फ देशवासियों का हक़ होगा। उधर तत्कालीन समाजवादी पार्टी की सरकार ने कहा था कि खजाने से निकली संपत्ति पर राज्य सरकार का हक होगा ।