मेरठ। आबाद की पहली शादी करीब 36 साल पहले नसीमा से हुई थी। दोनों की गृहस्थी ठीक ठाक चल रही थी। इसी दौरान वर्ष 2010 में बीमारी के चलते नसीमा की मौत हो गई।

घर पर सात बच्चे इशरत, गुलशन, शादाब, शबनम, शबीना, दिलशाद और शावेज रहे, जिनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं था। आबाद फेरी लगाता था। इसी दौरान आबाद की मुलाकात मोदीनगर में फेरी के दौरान एक शख्स से हुई। अक्सर उससे आबाद मिलता था। उसी ने जावेदा के परिवार से आबाद को मिलवाया। दोनों के निकाह की बात तय हो गई। उस समय आबाद की उम्र लगभग 51 वर्ष और जावेदा की उम्र लगभग 22 वर्ष थी। बच्चों के बीच इस निकाह का जिक्र आया तो उन्होंने दोनों के बीच की उम्र के अंतर को लेकर सवाल उठा दिए। बड़ी मुश्किल में बच्चों को मनाया जा सका। सानिया को शादी के दौरान जावेदा साथ लाई थी, लेकिन आबाद से उसके तीन बच्चे जावेद (7), सना (5) और साजिद (3) हुए। पहली पत्नी से पैदा दो बेटियों की आबाद शादी कर चुका था।

नया घर खरीदने की थी तैयारी
आबाद वर्तमान में जिस घर मे रहता है, वह बेहद छोटा है। दो कमरे उसमें बने हुए हैं। समीर के आने के बाद वह नया मकान खरीदने की योजना बनाने लगा। समीर ने भी सहयोग करने की बात कही तो सबका विश्वास उस पर बढ़ गया। कुछ दिन पहले दोनों ने कुछ मकान भी एक साथ जाकर देखे थे। जल्द ही सौदा होना था।
बच्चे पूछते रहे, कब आएगी अम्मी
आधी रात को पूरा परिवार सोया हुआ था, तभी यह दोहरा हत्याकांड हुआ। सारे बच्चे सोकर उठ पाते, उससे पहले ही शवों को मोर्चरी भिजवा दिया गया। मां का कत्ल देखने वाली सानिया दहशत में थी, लेकिन अन्य तीन मासूमों को पता भी नहीं था कि उनके सिर से मां-बाप का साया उठ चुका था। वह बार बार पूछ रहे थे कि अम्मी कब आएगी।
सीसीटीवी फुटेज में कैद हुआ आरोपी
सोमवार रात समीर पूरी तैयारी से आया था। उसके पास एक बैग था। माना जा रहा है कि इसी में छिपाकर वह दांव और छुरा भी लाया होगा। हत्याकांड की सूचना पर पहुंची पुलिस ने क्षेत्र के सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो वह हत्या के बाद कंधे पर बैग लटकाए भागता हुआ दिखाई दिया।
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