मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार के पांच साल के कार्यकाल का यह अंतिम साल है। यही कारण है कि प्रदेश सरकार पांचवें दीपोत्सव को यादगार व खास बनाने की तैयारी में है। प्रदेश सरकार ने पहली बार दीपोत्सव के अवसर पर पांच सौ ड्रोन की मदद से ‘एरियल ड्रोन शो’ की योजना बनाई है।
इसके लिए उत्तर प्रदेश पर्यटन महकमे की ओर से निविदा आमंत्रित की गयी है। इस योजना के अन्तर्गत 10-12 मिनट के शानदार हवाई शो के जरिए आयोजन को भव्यता देने का प्रयत्न किया जाएगा। ऐसा एक प्रदर्शन टोक्यो ओलंपिक में देखा गया था, जहां इंटेल की ओर से 1824 ड्रोन हवा में छोड़े गए थे।
प्रदेश सरकार की मंशा है कि त्रेतायुग में भगवान राम के अयोध्या लौटने की कथा को एनिमेशन व स्टिमुलेशन के जरिए दिखाने के लिए ड्रोन शो कराया जाए। पर्यटन विभाग के विज्ञापन के प्रस्ताव में कहा गया कि ‘एजेंसी से नई तकनीक और अंतरराष्ट्रीय मानकों के साथ शो दिखाने की उम्मीद की जाती है।’
इसमें पहले से एलईडी प्राप्त क्वाडकॉप्टर्स या मल्टीरॉटर्स का उपयोग किया जाएगा, जो 400 मीटर की ऊंचाई तक 12 मीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से उड़ सकते हैं। कम से कम अंतराल में विजुअल्स की सही और प्रभावी मॉर्फिंग के लिए ड्रोन की रफ्तार की गणना होगी। साथ ही उनकी लैंडिंग और टेक-ऑफ के लिए क्षेत्र में बैरिकेड्स लगाए जाएंगे।
इंटेल की वेबसाइट के अनुसार, टोक्यो ओलंपिक्स के आधिकारिक ड्रोन पार्टनर रहे इंटेल ने कोचेला से लेकर सुपर बोल तक शानदार ड्रोन शो किए हैं। उनके पास इंजीनियर्स, एनीमेटर्स और फ्लाइट क्रू की एक टीम है, जो शो को शानदार तरीके से तैयार करती है और हकीकत बनाती है।
इंटेल पांच सौ ड्रोन शो के लिए करीब तीन लाख डॉलर यानी (2.2 करोड़) रुपये लेती है। एरियल ड्रोन शो के साथ पहले की तरह से इस साल भी राम की पैड़ी के भवनों पर थ्री-डी होलोग्राफिक शो, थ्री-डी प्रोजेक्शन मैपिंग और लेजर शो होगा। एरियल ड्रोन समेत कार्यक्रम कुल 35 मिनट का होगा जिसमें आठ मिनट का थ्री-डी होलोग्राफिक शो और दस मिनट का थ्री-डी प्रोजेक्शन मैपिंग शो होगा।
कार्यक्रम से पहले इन सभी आयोजनों के ट्रायल भी किए जाएंगे। पर्यटन निदेशालय के संयुक्त निदेशक अविनाश मिश्र ने ड्रोन शो आयोजन की पुष्टि करते हुए बताया कि इसका विज्ञापन निर्गत किया जा चुका। वहीं इसी सिलसिले में गुरुवार को शासन में उच्च स्तरीय बैठक की भी पुष्टि की
अयोध्या में ही होगा कान्क्लेव का समापन
उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग की स्वायत्तशासी संस्था अयोध्या शोध संस्थान के तत्वावधान में 29 अगस्त से शुरू हुए रामायण कान्क्लेव का समापन भी दीपोत्सव के अवसर पर अयोध्या में ही एक नवंबर को होगा। अयोध्या से शुरू होकर प्रदेश के 16 जनपदों में अलग-अलग तिथियों में आयोजित किए जाने वाले रामायण कान्क्लेव का समापन समारोह पूर्व में राजधानी लखनऊ में निर्धारित था।
जानकारी के अनुसार कार्यक्रम में परिवर्तन कर अब इसे अयोध्या में प्रस्तावित कर दिया गया है। इस अवसर पर विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। उधर दीपोत्सव के अवसर पर संस्कृति विभाग की ओर से उत्तर प्रदेश के 20 सांस्कृतिक दलों एवं दस अन्य सांस्कृतिक दल दूसरे राज्यों से आमंत्रित किए जाएंगे।
यह सभी दल दीपोत्सव की तिथि पर परंपरागत शोभायात्रा का हिस्सा बनेंगे। इसके अतिरिक्त अलग-अलग स्थानों पर भी 11 मंच सुसज्जित कर लोक कलाकारों की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए जाएंगे।