अयोध्या में विवादित ढांचे के विध्वंस की बरसी पर सोमवार (छह दिसंबर) को प्रदेश में हाई अलर्ट जारी किया गया है। परंपरा से हटकर किसी भी तरह के आयोजन की अनुमति नहीं दी जाएगी। संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा मजबूत करने के लिए 150 कंपनी पीएसी और छह कंपनी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की तैनाती की गई है।
प्रदेश के एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि छह दिसंबर को विशेष सतर्कता के लिए सभी जिलों को निर्देश दिए गए हैं। डीजीपी मुकुल गोयल के द्वारा भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सभी जोन, रेंज व जिलों के वरिष्ठ अधिकारियों को सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में दिशा-निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि शासन ने परंपर के हटकर कोई आयोजन न होने देने के निर्देश दिए हैं। इस निर्देश का सख्ती से पालन कराया जा रहा है। अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि, मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि व वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ धाम की सुरक्षा में पहले से तैनात सुरक्षाकर्मियों के अतिरिक्त सुरक्षा के लिए पीएसी व सीएपीएफ की उपलब्धता कराई गई है।
अयोध्या में कुरानख्वानी के अलावा शेष कार्यक्रम स्थगित
अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस की बरसी पर छह दिसंबर को कड़ा पहरा रहेगा। इस तिथि के लिए विशेष सतर्कता बरती जा रही है। विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विहिप ने शौर्य दिवस का आयोजन स्थगित कर दिया है। मुस्लिम संगठनों का भी कुरानख्वानी के अलावा शेष कार्यक्रम स्थगित है।
डीएम नितीश कुमार ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए मजिस्ट्रेटों की तैनाती की है। उन्होंने बताया कि पांच दिसंबर की शाम से ही सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने तैनाती के क्षेत्र में पुलिस अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर अपने अपने क्षेत्र में पड़ने वाले संवेदनशील स्थलों पर सतर्क दृष्टि रखते हुए सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उत्तरदाई होंगे। सभी एसडीएम अपने तहसील क्षेत्र में शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उत्तरदाई होंगे। नगर मजिस्ट्रेट कार्यालय में कन्ट्रोल रूम भी बनाया गया है, जिसका नंबर 05278-223753 है। इसमें बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी की ओर से कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी।