यूपी में महामारी एक्ट के तहत कोरोना पीड़ित की जानकारी छिपाने के लिए पिता के खिलाफ देश का पहला मामला दर्ज किया गया है। आगरा प्रशासन के आदेश पर पुलिस ने डॉक्टरों की तहरीर पर सदर थाने में मरीज के पिता के खिलाफ धारा 269 और 270 के तहत रिपोर्ट दर्ज की ।

दरअसल कैंट रेलवे कॉलोनी में रहने वाले रेलवे कर्मचारी की बेटी का विवाह एक माह पहले बेंगलुरु में नौकरी करने वाले युवक के साथ हुआ था। शादी के बाद दोनों हनीमून मनाने के लिए इटली गए थे। इटली से लौटने के बाद पति में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई। महिला 12 मार्च को आगरा कैंट पहुंची थी। यहां पहुंचने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उसे रेलवे अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां से उसे जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड भेजा गया। जहां से सैंपल लेकर जांच के लिए अलीगढ़ भेजा गया।

कोरोना पीड़ित के पिता के खिलाफ केस दर्ज

अलीगढ़ में हुई जांच में महिला में कोरोनावायरस पॉजिटिव पाया गया था। रिपोर्ट आने से पहले ही महिला आइसोलेशन वार्ड से भागकर मायके चली गई थी। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने उसकी तलाश की, लेकिन पता नहीं चला था। पुलिस जब महिला के घर गई तो परिजन ने बताया कि वो दिल्ली चली गई है। स्वास्थ्य विभाग ने घर के सात अन्य सदस्यों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा, लेकिन वह बेटी की जानकारी छिपाते रहे।

महिला के कई घंटे गायब रहने के मामले में जिला प्रशासन और ने कड़ा रुख अपनाया। पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की तो परिजन ने बताया कि महिला घर पर ही है। डर के कारण उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से झूठ बोला था। स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमित महिला को एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया। साथ ही रेलवे विभाग ने युवती के पिता और भाई को 14 दिन की छुट्टी दे दी है। परिवार को 14 दिनों तक के लिए जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है।

प्रशासन ने महिला के पिता के खिलाफ लोगों की जान खतरे में डालने के आरोप में सदर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। यह मामला महामारी एक्ट के तहत दर्ज किया गया है। आपको बता दें कि कोरोना वायरस को महामारी घोषित करने के बाद देश में महामारी एक्ट में ये पहली एफआईआर दर्ज की गई है । पुलिस ने महिला के पिता के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। उनपर 269, धारा 270 लगाई गई । लोगों का जीवन संकट में डालने के लिए धारा 269 और संक्रामक रोग फैलाने में सहायता के लिए धारा 270 दर्ज हुआ है।