दिल्ली/गाजियाबाद : कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे से पूरे देश को लॉक डाउन किए जाने के 4 दिन बाद दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर मजदूर वर्ग के लोगों का जमावड़ा लग गया है। हजारों की संख्या में मजदूर यहां पर इकट्ठा है और लाखों लोग कल से आज तक इस बॉर्डर को पार करके पैदल अपने घरों के लिए निकल चुके हैं। दरअसल ये वे मजदूर है जो पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार से काम की तलाश में दिल्ली, पंजाब और हरियाणा आए थे और किसी तरीके से दो वक्त की रोटी कमा कर अपना पेट तो भर ही रहे थे अपने परिवार का भी पालन कर रहे थे। लेकिन अचानक से किए गए लॉक डाउन के बाद उनका काम उनसे छिन गया है। रोजी रोटी मिलना तो दूर फैक्ट्री बंद हो जाने की वजह से उनकी छत भी छिन गई है। साथ ही उन्हें यह डर भी सता रहा है कि अब 2 से 3 महीने तक लॉक डाउन जारी रहेगा। ऐसी सूरत में उन्हें फिलहाल यहां काम मिलना नामुमकिन लग रहा है। अब जब न यहां काम है, ना खाने के लिए खाना और ना सर छुपाने के लिए जगह, तो गांव के लिए पलायन करना उनकी मजबूरी बन गई है। लेकिन सैकड़ों हजारों किलोमीटर दूर अपने गांव तक पहुंचना एक बड़ी समस्या है। कोई उम्मीद न देख ये लाखों लोग पैदल ही यूपी बिहार के लिए निकल चुके हैं और हजारों लोग अभी भी सरकारी मदद की उम्मीद लिए दिल्ली यूपी बॉर्डर और गाजियाबाद में कई जगहों पर शरण लिए हुए हैं। पिछले दिनों उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश पर जिला प्रशासन ने कुछ बसों का इंतजाम भी किया था लेकिन वह इंतजाम ऊंट के मुंह में जीरे की तरह नाकाफी रहा।

रेलवे लाइन से पैदल जाते लोग