कोरोना वायरस के प्रभाव ने बहुतों की जिंदगी को एक अलग नजरिया दे दिया । हापुड़ के रहने वाले मुकुल त्यागी भी उनमे से एक हैं ।

कंक्रीट के जंगल को लॉकडाउन में बाय !

इस तस्वीर में देखिए, ये कंक्रीट के जंगल में नहीं बल्कि प्रकृति की गोद में चले गए हैं । भगवान की ओर दी गई इस अनुपम कृपा पर उन्हें अटूट भरोसा है । तस्वीर आपके सामने है ।

अब मुकुल त्यागी कौन हैं?

मुकुल त्यागी हापुड़ में जिला बार में अधिवक्ता हैं । इन दिनों कोरोना वायरस के कारण कोर्ट और कचहरी बंद चल रही है तो वो घर में कैद होकर रह गए ।

घर से ये कहां आ गए ?

कोर्ट-कचहरी तो अभी मुकुल त्यागी जा नहीं पा रहे हैं। घर में उनका मन नहीं लगा । बेचैन होने लगे तो जंगल जाने का मन बना लिया । जंगल तो आ गए लेकिन रहने को घर नहीं ।

‘ट्री हाउस’ में जिंदगी खुशहाल

वकील मुकुल त्यागी ने दो दिन तक मेहनत की और एक पेड़ पर लकड़ियों की सहायता से ट्री हाउस बना लिया । ये घर बिलकुल परफेक्ट है । अब मुकुल यही रह रहे हैं । अब यही इनका खाना, यही इनका पीना है, यही इनकी जिंदगी है । यानी ये इनका घर है । जहां ये किताबों के बीच अपनी जिंदगी जी रहे हैं ।

मिलिए वकील मुकुल त्यागी से

पिता से दो कदम आगे है बेटा

लॉकडाउन का पालन हो तो ऐसा

कोरोना संक्रमण से बचने के लिए जंगल मे जाकर अधिवक्ता मुकुल त्यागी ने अपना आशियाना बनाया है । यहां अधिवक्ता मुकुल त्यागी खाना पीना, रहना और धार्मिक किताबे पढ़कर लॉकडाउन का पालन कर रहे है ।यहां मुकुल त्यागी के साथ उनका बेटा भी रह रहा है ।