स्वामी प्रसाद मौर्य अपनी एक बात से पहले बीजेपी को घेरा… बीजेपी की हिंदू धर्म की राजनीति को अपने सियासी चक्रव्यूह में फंसाया… बीजेपी निकलना चाह रही है… इसलिए बाहर निकलने के लिए तमाम तर्कों से वार का इस्तेमाल कर रही है… उसके एक से एक धुरंधर इस काम में लगे हुए हैं… लेकिन सीएम योगी से लेकर डिंप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य समेत बीजेपी के बड़े से बड़े शुरमाओं की राजनीति को स्वामी ने पछाड़ा… और उन्हें बैकफुट पर लाने में कामयाबी हासिल की… तो अब स्वामी प्रसाद मौर्य का टारगेट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हो गए… स्वामी प्रसाद मौर्य ने पीएम मोदी से ऐसा सवाल किया… जिसका अगर जवाब देंगे तो फंसने की संभावना और नहीं देंगे तो सवाल उठेंगे… ये ठीक वैसा ही है… जैसा बीजेपी ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ किया था… ये ठीक वैसा ही है… ये स्वामी को शायद ये आइडिया बीजेपी की उस रणनीति से मिला होगा… जिसमें उन्होंने अखिलेश यादव को फंसाया था… जब स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस में लिखित कुछ चौपाईयों पर सवाल उठाया… स्वामी ने तब कहा था… इन चौपाईयों दलितों-आदिवासियों और पिछड़ों के खिलाफ कहा गया… तब बीजेपी समेत हिंदू संगठनों ने विरोध किया… सपा के अंदरखाने भी स्वामी प्रसाद मौर्य का विरोध हुआ… बावजूद इसके सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुप्पी साध रखी थी… जिसके बाद बीजेपी समेत हिंदू संगठनों ने अखिलेश की चुप्पी पर सवाल उठाए… अखिलेश के खिलाफ तरह तरह की बात कही गई… अखिलेश की चुप्पी का विरोध इतना हुआ… कि आखिरकार उन्हें बोलना पड़ा… उन्होंने स्वामी की ओर से उठाई गई आपत्तियों का समर्थन किया… और यूपी की सियासत में एक नई राजनीति को जन्म दिया… जिसे शूद्र पॉलिटिक्स कहा जाने लगा…
स्वामी प्रसाद मौर्य ने सबको घेरा… किसी को नहीं छोड़ा… रामचरितमानस पर सवाल उठाया… इसे पवित्र ग्रंथ मानने से इनकार किया… चौपाइयों को हचाने की मांग की… या फिर बैन लगाने की बात कही… फिर इसके बाद ब्राह्मणों को लपेटा… दलितों-पिछड़ों की बात करते करते ब्राह्मणों ने क्या किया… कैसे भारत को जिया… भारत में दलितों-पिछड़ों के साथ क्या क्या उन्होंने किया… क्या कर रहे हैं… सबकुछ कहा… फिर उसके बाद विरोध करने वाले हिंदू संगठनों को लपेटा… संतों-साधुओं को भी नहीं बख्शा… स्वामी यही नहीं रुके आगे बढ़े… फिर बीजेपी को निशाने पर लिया… बीजेपी के छोटे से लेकर नेताओं को लेकर तरह तरह की बात कही… केशव से लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तरह तरह से बिलकुल ही अलग तरीके से वार किया… और अब बीजेपी के सबसे बड़े चेहरे को जाति कार्ड के चक्रव्यूह में फंसाने के लिए चाल चल दी… एक तरह स्वामी ने पीएम मोदी को बड़ी चुनौती दी है… पीएम मोदी जिस जाति से वास्ता रखते हैं… उस जाति का वास्ता दिया… जो स्वामी ने मांग की है… उसे पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ललकारा है….
दरअसल आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने मुंबई के एक कार्यक्रम में जाति व्यवस्था को लेकर एक टिप्पणी की थी… उन्होंने कहा था… सत्य ही ईश्वर है, सत्य कहता है मैं सर्वभूति हूं, रूप कुछ भी रहे योग्यता एक है, ऊंच-नीच नही है, शास्त्रों के आधार पर कुछ पंडित जो बताते है, वो झूठ है… जाति की श्रेष्ठता की कल्पना में ऊंच नीच में अटक कर हम गुमराह हो गए, भ्रम दूर करना है…. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के इस बयान के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने तेवर और तल्ख कर लिए… अब स्वामी प्रसाद मौर्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है…. स्वामी अब पीएम मोदी से कह रहे कुछ कीजिए… कुछ तो कीजिए…स्वामी ने कहा…
प्रधानमंत्री जी आप पिछड़ी जाति में ही पैदा होने से नीचे होने का दंश झेल चुके हैं…जाति, धर्म, लिंग, जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव न हो भारतीय संविधान भी कहता है तो क्या अब यह सुनिश्चित करेंगे कि देश की समस्त महिलाओं, आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों को मानस की आपत्तिजनक टिप्पणी से नित्य प्रति अपमानित न होना पड़े, अस्तु उसे संशोधित या प्रतिबंधित कर इन्हें सम्मान दिलवायेंगे…
ऐसे में सवाल है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, स्वामी प्रसाद मौर्य को इस वार पर क्या जवाब देंगे… किस तरह से लेंगे… या फिर मौन रहेंगे… वैसे पीएम मोदी जवाब तो जरूर देंगे… क्योंकि स्वामी प्रसाद मौर्य ने चुनौती ही ऐसी दी है… साफ साफ सबके सामने कहा है… मोदी आप अति पिछड़ी जाति से है… पिछड़ों और दलितों के लिए करिए… अब अगर पीएम मोदी जवाब नहीं देंगे… इसके कई मतलब निकलेंगे… स्वामी प्रसाद मौर्य ये सीधा सीधा पीएम मोदी की छवि पर अटैक किया… जवाब तो जरूर देंगे… कब देंगे ये आने वाला वक्त बताएगा… इंतजार स्वामी प्रसाद मौर्य को है… इतंजार तो सबको होगा… सर्वसमाज की हर जाति को होगा…