Akhilesh Yadav अपनी राजनीति से बीजेपी- बीएसपी को चौंका दिया ! यादव-मुस्लिम तो साथ रहेंगे ही, अब पिछड़े-दलित और ब्राह्मण भी साथ आएंगे !
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक ऐसा फैसला लिया… जिसने सबको चौंकाया !
बीजेपी सोच में पड़ गयी… अखिलेश ये कैसा फैसला लिया… ये तो अपनी राजनीति पर पड़ सकती है भारी!
मायावती तो हैरान जरूर हुई होगी… जिसे वो अपनी राजनीतिक स्टैंड बनाने में लगी… उससे अखिलेश ने फिलहाल के लिए बना ली दूरी !
यूपी में नगर निकाय चुनाव की सरगर्मियां तेज है… सभी पार्टियां अपनी अपनी सियासी चाल चल रही है… लेकिन इस सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ऐक ऐसा फैसला लिया है… उसे अपनी राजनीति में अमल किया… जिसका जादू चल गया तो कईयों के साथ खेल हो जाएगा… कई दिनों से एक सियासी धारणा फैलाने की कोशिश की गई… अखिलेश तो सिर्फ मुस्लिमों और यादवों के हितैषी हैं… इसे साबित करने के लिए बीजेपी ने खूब पसीना बहाया… लेकिन अब जो अखिलेश ने अपना स्टैंड क्लीयर किया है… उससे तो लगता है… अखिलेश तो अपनी राजनीति में सभी जातियों को साथ लेकर चलने के लिए तैयार हैं… बीजेपी एक तरफ मुस्लिमों का वोट पाने की आस… उसकी राजनीति को अपनी ओर मोड़ने की चाह में पसमांदा मुसलमानों के दिल को पिघलाने की रणनीति पर काम कर रही है… लेकिन अखिलेश ने तो दूर की सोच कर अपनी सियासत में एक अलग ही रास्ता अख्तियार कर लिया है… मायावती तो सपा की ओर गए मुसलमानों को अपनी तरफ मोड़ने के लिए सबसे ज्यादा जुदा जुदा सा सियासी रास्ता अख्तियार कर लिया… अखिलेश ने जो फैसला लिया है… उससे तो यही लगता है… वो कह रहे हो… कर लीजिए कोशिश… कामयाब नहीं पाएंगे… अखिलेश का यही फैसला यूपी में उनके विरोधियों की सियासत के लिए अब परेशानी का सब बन चुका है… तो अखिलेश ने क्या फैसला लिया है… जिससे बीजेपी और बीएसपी जरूरत से ज्यादा परेशान…दरअसल समाजवादी पार्टी ने यूपी निकाय चुनाव के लिए सभी सीटों पर उम्मीदवार का एलान कर दिया है….
आगरा मेयर सीट से जूही प्रकाश जाटव
झांसी सीट से सतीश जतारिया
शाहजहांपुर से अर्चना वर्मा
फिरोजाबाद से मशरुर फातिमा
सहारनपुर से नूर हसन मलिक
मेरठ से सीमा प्रधान
लखनऊ से वंदना मिश्रा
कानपुर से वंदना वायपेयी
गाजियाबाद से पूनम
पीएम मोदी को गढ़ वाराणसी में ओपी सिंह
प्रयागराज से अजय श्रीवास्तव
अलीगढ़ से पूर्व विधायक जमीर उल्ला खां
बरेली से संजीव सक्सेना
मुरादाबाद से सैय्यद रईस उद्दीन
सीएम योगी के गढ़ गोरखपुर से काजल निषाद
अयोध्या से आशीष पांडेय
मथुरा-वृंदावन सीट से तुलसी राम शर्मा
ये वो नाम है जिन्हें सपा का मेयर प्रत्याशी बनाया है… लेकिन इसमें खास बात ये है कि सपा ने मेयर पद के लिए किसी भी यादव को अपना उम्मीदवार नहीं बनाया है… सिर्फ चार मुसलमानों को टिकट दिया… जबकि दूसरी ओर चार मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है… चार ब्राह्मण उम्मीदवारों को भी टिकट मिला… तो इसके क्या अर्थ निकाले जाए… जबकि इस बार बीजेपी को पूरी टक्कर देने का आरोप लगाने वाली मायावती 10 मेयर उम्मीदवारों में से 6 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया… तो क्या माना जाए… अखिलेश बेस वोटर्स मुसलमानों को अपनी खींचने के लिए बीएसपी ने मुस्लिम समुदाय से आने वाले उम्मीदवारों को बंपर टिकट दिया… ताकि संदेश जाए कि बीएसपी मुसलमानों के हितों को ध्यान में रखने वाली पार्टी है… और क्या माना जाए… अखिलेश मान कर चल रहे हैं… मुस्लिम और यादव उनकी राजनीति को बखूबी समझते हैं… इसलिए वो उनका साथ नहीं छोड़ेंगे… उनकी ओर से लिए गए इस फैसले से खुश ही होंगे… वहीं सवर्ण समाज और पिछड़ों को तवज्जो देकर अखिलेश उन्हें क्या संदेश देना चाहते हैं… कि सपा तुष्टिकरण की राजनीति पर नहीं बल्कि सर्वजन की राह पर चलने वाली पार्टी बन चुकी है… बहरहाल अखिलेश के इस कदम से जो भी सपा को परिणाम मिले… लेकिन उनकी ओर से लिए गए इस फैसला उनके विरोधियों को चौंकाया तो जरूर…