akhilesh yadav

देख लीजिए तस्वीरे… टिन की चद्दरें लगाई गई… कोशिश यही थी की सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को इरादे को तोड़ दिया जाए… समाजवादियों के जन नायक से प्रेरणा लेने के अधिकार को छीन लिया जाए… लेकिन अखिलेश ने भी अपनी सियासत की एक दूसरी तस्वीर दिखा दी… तस्वीर ऐसी दिखाई कि एक पल के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जेहन में ये बात तो गई होगी… अखिलेश का ये रुख तो अपनी सत्ता की नींव को हिलाने के लिए काफी है… ये तस्वीरें अब की है… जिसके लिए रोका गया था… उसको तरह से सीधा और सटीक जवाब दिया गया… एक तरह से बताने का प्रयास किया गया… आप अपनी हनक में रोक नहीं सकते… रोकेंगे तो ऐसे जवाब देंगे… अखिलेश को इस तरह का रास्ता इसलिए अपनाना पड़ा क्योंकि उन्हें उस काम से रोका गया… जो उनका उनकी समझ में वाजिब अधिकार है… अखिलेश ने इस तरह का रास्ता अख्तियार करने से पहले एक्स पर पोस्ट किया…


महान समाजवादी विचारक, सामाजिक न्याय के प्रबल प्रवक्ता लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी की जयंती पर अब क्या सपा को माल्यार्पण करने से रोकने के लिए ये टिन की चद्दरें लगाकर JPNIC का रास्ता रोका जा रहा है…सच ये है कि भाजपा लोकनायक जयप्रकाश जी के भ्रष्टाचार, बेकारी-बेरोज़गारी और महंगाई के ख़िलाफ़ छेड़े गये आंदोलन की स्मृति को दोहराने से डर रही है क्योंकि भाजपा के राज में तो भ्रष्टाचार, बेकारी-बेरोज़गारी और महंगाई तब से कई गुना ज़्यादा है…अब क्या माल्यार्पण के लिए भी जयप्रकाश नारायण जी की तरह ‘सम्पूर्ण क्रान्ति’ का आह्वान करना पड़ेगा… अगर भाजपा को यही मंज़ूर है तो यही सही


साफ है पहले अखिलेश ने चेतावनी दी… फिर वो रास्ता अपनाया जो इस दौर में बड़ी से बड़ी पार्टियों के नेता इस दौर में नहीं अपनाते… दरअसल जय प्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर 11 अक्टूबर को लखनऊ में जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर पर जोरदार हंगामा हुआ… सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ माल्यार्पण करने के लिए यहां पहुंचे, लेकिन इसके पहले ही एलडीए ने जेपीएनआईसी के मेन गेट पर ताला जड़ दिया… इसके बाद जेपीएनआईसी में ताला बंद होने कारण अखिलेश यादव जेपीएनआईसी का गेट फांदकर अंदर गए… तस्वीर आपके सामने हैं… अखिलेश को गेट फांदकर अंदर जाते हुए देख सकते हैं…. इस कार्यक्रम की जिम्मेदारी सपा के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी को दी गई थी जिसके लिए उन्होंने एलडीए को पत्र लिखकर परमिशन भी मांगी थी, लेकिन एलडीए ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए गेट पर ताला लगवा दिया…

अब जबकि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ऐसा कदम उठाया तो कहा जा रहा है… लखनऊ विकास प्राधिकरण की तरफ से JPNIC पर लगाए गए ताले के बावजूद गेट फांदकर अंदर पहुंचने के मामले में अखिलेश के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की तैयारी हो रही है… तो क्या माना जाए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की सियासत अबकी बार बीजेपी से आर पार के मूड में है… अबकी एक ऐसी लड़ाई की तैयारी में जिसमें वो किसी भी हद तक जा सकते हैं… एक तरह से जनता को एक ऐसे संदेश को देने के मूड में है… जिससे सरकार के खिलाफ जनता को अपनी लड़ाई लड़ने की प्रेरणा मिले…